जगन्नाथ रथयात्रा का हिंदू धर्म में महत्व बनाये रखने हिंदुओं को एक जुट होने की जरूरत है-विकास उपाध्याय
रायपुर। संसदीय सचिव व विधायक विकास उपाध्याय आज पश्चिम विधानसभा के विभिन क्षेत्रों में कोविड-19 के गाईड लाइन का पालन कर भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा महोत्सव में सम्मिलित हुए और रथ को खींचकर फिर रथ पर चढ़ कर भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की। इस मौके पर उन्होंने कहा, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस रथ यात्रा को देखने मात्र से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
विकास उपाध्याय आज जगन्नाथ रथ यात्रा में सम्मिलित हो कर न सिर्फ रथ को खींचने की रस्म अदायगी की बल्कि रथ पर चढ़ कर विधिवत पूजा अर्चना भी की और लोगों को प्रसाद वितरण किया। उन्होंने कहा, जगन्नाथ रथयात्रा का हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व होता है और हमें हिंदुत्व को जीवित रखने इस तरह के आयोजन में पूरी श्रद्धा से सम्मिलित हो कर उन ताकतों के खिलाफ लड़ने मुखर रहना चाहिए जो हिन्दू धर्म को अपनी जागीर समझते हैं।
विकास उपाध्याय ने कहा,इस वर्ष एक रथ भेंट कर इसकी शुरुआत की है पर अगले वर्ष पश्चिम विधानसभा के पूरे 20 वार्डों में एक-एक रथ भेंट कर एक साथ 20 रथ सभी वार्डो से निकाल कर भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का महोत्सव मनाया जाएगा।विकास उपाध्यक्ष ने इस यात्रा के महत्व को बताते हुए कहा,भगवान विष्णु के अवतार भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा के साथ जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है। भगवान जगन्नाथ उनके भाई बलभद्र और बहन देवी सुभद्रा का विशाल रथ 10 दिनों के लिए बाहर निकलता है। इस यात्रा में सबसे आगे बलभद्र का रथ चलता है जिसे तालध्वज कहा जाता है। मध्य में सुभद्रा का रथ चलता है जिसे दर्पदलन या पद्म रथ कहा जाता है। सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का रथ चलता है जिसे “नंदी घोष” कहा जाता है। इस साल आज के दिन यह रथ यात्रा शुरू हुई है और देवशयनी एकादशी यानी 20 जुलाई को समाप्त होगी।