रायपुर। संसदीय सचिव एवं विधायक विकास उपाध्याय ने छत्तीसगढ़ में धान और किसान को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय सहित अन्य नेताओं द्वारा किये जा रहे बयानबाजी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और कहा, किसान के मुद्दे में भाजपा को कुछ बोलने का हक छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश के किसानों ने छीन लिया है। छ.ग. में भाजपा के नेता ‘‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’’ की कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।
विकास उपाध्याय ने जारी बयान में कहा कि छ.ग. में भाजपा नेताओं को अभी तक यह समझ में नहीं आया कि प्रदेश के किसानों ने ही ढेड़ दशक से काबिज रमन सरकार को प्रदेश की सत्ता से बेदखल किया था। उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा के नेता उस दिन को भूल गए हैं, जब 2018 में चुनाव परिणाम आने वाले थे तब किसानों ने अपने धान तब तक बेचना शुरू नहीं किया जब तक सरकार का गठन नहीं हो गया।उन्होंने कहा, भाजपा किसानों की सुध लिये रहती तो आज उनके नेताओं को ये दिन देखने न पड़ते। भाजपा के खिलाफ पूरे देश में किसानों ने मोर्चा खोल रखा है और जब केन्द्र की मंशा के उलट किसानों के हित में भूपेश सरकार बढ़ चढ़कर उनके आर्थिक उत्थान को लेकर कार्य कर रही है, जिसका लाभ भाजपा के लोग खुद भी ले रहे हैं, तो छ.ग. के लोगों को यह बात समझ में नहीं आ रही है कि वे किस चीज को लेकर बयानबाजी कर आन्दोलन कर रहे हैं।
विकास उपाध्याय ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय द्वारा सरकार द्वारा धान खरीदी पर फर्जी आँकड़े की बात करने पर कहा, निश्चित तौर पर भाजपा नेताओं को इस बात को लेकर शर्मिंदगी महसूस हो रही है, कि वे राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर मोदी सरकार जो किसानों के विरूद्ध षड़यंत्र रच रही है, का तारीफ करने मजबूर हैं। जबकि इससे भाजपा को राजनैतिक नुकसान भी हो रहा है और इसे वे भली भाँति जान भी रहे हैं पर प्रदेश भाजपा की ये राजनैतिक मजबूरी भी है।उन्होंने कहा, भाजपा के नेता लाखों के धान समर्थन मूल्य में बेच चूके, उन्हें कोई परेशानी उठानी नहीं पड़ी और न ही किसी किसान को कोई परेशानी है। बावजूद वे मेहनत कर रहे हैं। विकास उपाध्याय ने कहा, वे जिस किसान के मुद्दे को लेकर राग अलाप रहे हैं, वह मुद्दा अब भाजपा का रहा ही नहीं। देश के किसान भाजपा को पूरी तरह से नकार चूके हैं और छत्तीसगढ़ में वे जो कर रहे हैं, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना के कहावत को चरितार्थ कर रहे हैं।