रायपुर 6 अगस्त /छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग आयोग को जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 की स्थिति में कुल 5481 आवेदन प्राप्त हुआ,जिनमें से 4258 प्रकरणों का निराकरण किया गया। इन निराकृत के प्रकरणों में मुख्य सूचना आयुक्त ने 1696 प्रकरणों का निराकरण किया। इसी प्रकार पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री मोहन राव पवार ने 686 प्रकरणों और राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल ने 1870 प्रकरणों का निराकरण किया ।
सूचना व्यक्ति के ज्ञान का स्त्रोत है। वह विकास की आधारभूत शक्ति है । सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है, जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केन्द्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएँ, स्थानीय शासन तथा गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है को, इस कानून में शामिल किया गया है।
छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग आयोग को जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 तक 4152 द्वितीय अपील के प्रकरण प्राप्त हुए जिनमें 3236 प्रकरणों का निराकरण किया गया। निराकृत द्वितीय अपील के प्रकरणों में मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने 1316 प्रकरणों का पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री मोहन राव पवार ने 515 प्रकरणों का और राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल ने 1405 द्वितीय अपील के प्रकरणों का निराकरण किया गया शामिल है। इसी प्रकार जनवरी 2020 से दिसम्बर 2020 तक 1329 शिकायत के प्रकरण प्राप्त हुए जिनमें 1022 शिकायत के प्रकरणों का निराकरण किया गया, जिनमें मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने 386 शिकायत प्रकरणों का पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री मोहन राव पवार ने 171 शिकायत प्रकरणों का और राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल ने 465 शिकायत के प्रकरणों का निराकरण किया गया शामिल है।
राज्य सूचना आयोग में प्रशासनिक एवं कार्यसुविधा की दृष्टि से सूचना आयुक्तों के मध्य आयोग के कार्यो का विभाजन किया गया हैं। वर्तमान में आयोग में चार वीडियो कांफ्रेसिंग की सुविधा है] जिसका उपयोग राज्य के सुदूर क्षेत्रों के जिलें के आवेदकों, शिकायतकर्ताओं से प्राप्त प्रकरणों की सुनवाई के लिए निरन्तर की जा रही है। मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने बताया कि आयोग द्वारा अपील प्रकरणों में सुनवाई के समय जनसूचना अधिकारी एवं अपीलार्थी को नोटिस देकर निर्धारित तिथि को अभिलेखों के साथ बुलाया जाता है तथा दोनों पक्षों को अपना तर्क प्रस्तुत करने के लिए समुचित अवसर प्रदान किया जाता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग ने द्वितीय अपील और शिकायतों की सुनवाई कर समयबद्ध निराकरण किया जाता है।
मुख्य सूचना आयुक्त श्री राउत ने बताया कि कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील और शिकायत के प्रकरणों की सुनवाई के लिए अपीलार्थी, शिकायतकर्ता और जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी की आयोग में उपस्थिति अनिवार्य नहीं है। अपीलार्थी और जनसूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी को प्रकरण से संबंधित तर्क, जवाब लिखित रूप से आयोग को ई-मेल, व्हाट्सअप और फैक्स से भेजने निर्देशित किया गया। मुख्य सूचना आयुक्त श्री एम0 के0 राउत ने बताया कि कोविड-19 के तहत कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत द्वितीय अपील और शिकायत के प्रकरणों की सुनवाई वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से की जा रही है।
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