रायपुर। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के प्रेस वार्ता पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने पूछा है कि रमन सिंह सरकार ने 15 साल में 9 बार 90 प्रतिशत बिजली के दाम बढ़ायें, बिजली के दामों में हर साल 6 प्रतिशत की औसत वृद्धि के समय भाजपा की कंडील कहाँ थी? नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक किस आधार पर राज्य सरकार पर बिजली के दामों में वृद्धि करने का आरोप लगा रहे है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि धरमलाल कौशिक को अपने गिरेबान में झाँकना चाहिए जिनकी पार्टी भाजपा के रमन सिंह शासनकाल में प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत से अधिक बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई। 15 साल में 90 प्रतिशत वृद्धि की गई। 9 बार बिजली के दाम बढ़ायें गये। बिजली उपभोक्ता रमन सिंह सरकार में महंगी बिजली से त्रस्त थे। तभी तो जनता को राहत देने कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में बिजली बिल हाफ योजना लेकर आई जिससे बीते ढाई साल में राज्य के 40 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को राहत मिला, 1900 करोड़ की सब्सिडी मिला। बिजली दरों में हुई आंशिक वृद्धि पर भी बिजली बिल हाफ योजना लागू होगी। बिजली दरों में हुई आंशिक वृद्धि के बावजूद छत्तीसगढ़ में बिजली की कीमत भाजपा शासित राज्यों से कम है पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ में 53 पैसा प्रति यूनिट बिजली दर कम है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक को वास्तविक बिजली दरों में वृद्धि से पीड़ा है तो उन्हें मोदी सरकार के द्वारा मचाई गई लूटमार के खिलाफ ताल ठोकना चाहिए। दिल्ली जाकर मोदी सरकार को लालटेन दिखाना चाहिए। मोदी सरकार ने ही तो कोयले की कीमत में 28 प्रतिशत से अधिक वृद्धि, डीजल में 820 प्रतिशत टैक्स की वृद्धि की, कोयला में लगने वाले ग्रीन एनर्जी सेस में 720 प्रतिशत बढ़ोतरी की, रेलवे में कोयला परिवहन में चार साल में 40 प्रतिशत से अधिक बढ़ोत्तरी जिसके कारण छत्तीसगढ़ में बिजली की दामों में आंशिक वृद्धि हुई है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा है कि भाजपा को कंडील मार्च निकालने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। मिट्टी तेल महंगा कर भाजपा ने तो गरीबों के कंडील की रौशनी भी छिनी। मोदी सरकार ने तो गरीबो के मिट्टी तेल आबंटन बन्द कर दिया है। अब जनता तो लालटेन भी नही जला सकती।नेताप्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मोदी सरकार के कारण यहाँ पर बिजली के दरों पर आंशिक वृद्धि पर राजनीति कर रहे है वही उनकी केंद्र सरकार विद्युत अधिनियम 2020 लागू कर देश भर के बिजली घरों को चंद पूँजीपतियो को सौपने की तैयारी कर रही है।