मनरेगा आयुक्त ने मनरेगा कार्यों की प्रगति की समीक्षा की, अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के दिए निर्देश
श्रमिकों की मांग के आधार पर रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने कहा
रायपुर. 4 जनवरी 2022. राज्य मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी जिलों में कार्यरत सहायक परियोजना अधिकारियों एवं विकासखण्डों में पदस्थ कार्यक्रम अधिकारियों की बैठक लेकर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में सभी अधिकारियों को राज्य शासन द्वारा भारत सरकार को चालू वित्तीय वर्ष के लिए लेबर बजट में बढ़ोतरी हेतु भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार हर जिले में संशोधित लक्ष्य के अनुरूप तेजी से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने श्रमिक परिवारों की मांग के अनुसार गांवों में रोजगार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने कहा। उन्होंने वर्ष 2019-20, 2020-21 और चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में मनरेगा के अंतर्गत निर्माणाधीन एवं अधूरे कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने ऐसे श्रमिक परिवारों जिनके जॉब-कॉर्ड का सत्यापन अभी तक नहीं हो पाया है, उनके जॉब-कॉर्डों का यथाशीघ्र सत्यापन और अद्यतनीकरण कर निर्धारित प्रपत्र में जानकारी उपलब्ध कराने कहा। मनरेगा के अंतर्गत विभिन्न जिलों में कार्यरत प्रोग्रामर और ‘बिहान’ (राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन) के डी.पी.एम. (District Program Manager) भी बैठक में मौजूद थे।
मनरेगा आयुक्त श्री अब्दुलहक ने बैठक में भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ अभिसरण से मुनगा की नर्सरी तैयार करने और मुनगा वृक्षारोपण के निर्देश दिए। उन्होंने प्रोजेक्ट ‘उन्नति’ के अंतर्गत प्रशिक्षण के लिए सभी जिलों को निर्धारित लक्ष्य से अधिक नामांकन की सूची संबंधित जिले के डी.पी.एम. को उपलब्ध कराने कहा। उन्होंने वाटरशेड प्रबंधन के सिद्धांत के अनुसार रिज टू वैली के आधार पर क्रमशः अपर रिज, मिडिल रिज और लोवर रिज में कार्य स्वीकृत करने के निर्देश दिए। मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों को मेट के कार्य के लिए यथासंभव ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिला या दिव्यांगजन को नियोजित करने कहा। उन्होंने नरवा उपचार के स्वीकृत अप्रारंभ कार्यों को प्रारंभ करने, प्रगतिरत कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने तथा चालू वित्तीय वर्ष में नरवा उपचार कार्यों की स्वीकृति के लिए डीपीआर शीघ्र तैयार करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने मनरेगा के तहत प्रदेश भर में निर्मित सभी परिसंपत्तियों का शत-प्रतिशत जियो-टैगिंग सुनिश्चित करने कहा।
मनरेगा आयुक्त ने सभी जिलों में ज्यादा से ज्यादा परिवारों को 100 दिनों का रोजगार उपलब्ध कराने, वन अधिकार-पत्रधारी परिवारों को लक्ष्य के मुताबिक 100 दिनों का काम मुहैया कराने और श्रमिकों के बैंक खातों से संबंधित जानकारियों की सही प्रविष्टि कर ट्रान्जेक्शन करने के निर्देश दिए। उन्होंने आंगनबाड़ी भवनों के प्रगतिरत कार्यों को पूर्ण करने, अप्रारंभ कार्यों को तत्काल शुरू करने तथा उन्हें मार्च-2022 तक पूर्ण करने के भी निर्देश दिए।