रेणुका सिंह ने जिनोम सीक्वेंसिंग लैब की अनुमति, बारदाना की आपूर्ति एवँ उसना चावल लेने मोदी सरकार के सामने बात नही रखी
रायपुर/ 08 जनवरी 2022। रेणुका सिंह के मोदी सरकार में मंत्री होने का किसी प्रकार से लाभ छत्तीसगढ़ को नहीं मिला है प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि रेणुका सिंह केंद्रीय राज्य मंत्री हैं लेकिन उनके मोदी सरकार में मंत्री होने का लाभ छत्तीसगढ़ के ढाई करोड़ जनता को नहीं मिला है। रेणुका सिंह कभी भी छत्तीसगढ़ के साथ मोदी सरकार के द्वारा किए जा रहे हैं सौतेला व्यवहार भेदभाव का विरोध नहीं की है। छत्तीसगढ़ में कोरोना के नए वैरियंट ओमीक्रोन की पहचान के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग लैब की आवश्यकता है लेकिन केंद्र सरकार उपलब्ध नही करा रही दुर्भाग्य की बात है केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने राज्य में जिनोम सीक्वेंसिंग लैब के लिए अब तक कोई प्रयास नहीं कि है। महामारी के पहली लहर एवं दूसरी लहर में भी रेणुका सिंह की भूमिका छत्तीसगढ़ के जनता को मदद करने में शून्य रही है। देशभर में अचानक हुई पहली लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ से बाहर कमाने खाने गए मजदूरों के घर वापसी के लिए भी मदद नही की। छत्तीसगढ़ के बंद आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने राज्य सरकार के द्वारा केंद्र सरकार से 30 हज़ार करोड़ कि आर्थिक मदद मांग गई तभी रेणुका सिंह मौन थी। महामारी के दौरान डॉक्टर्स मेडिकल स्टाफ के लिए पीपीआई किट, मास्क सैनिटाइजर्स, मरीजों के लिए दवाई वेंटिलेटर एवं अन्य मेडिकल उपकरणों की मांग की गई, केंद्र सरकार से वैक्सीन की अपूर्ति में हिल हवाला पर भी मौन थी। रेणुका सिंह कोरोना काल में सिर्फ स्तरहीन एवं राज्य सरकार पर झूठे आरोप लगाने वाले बयानबाजी और कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे अधिकारी कर्मचारियों को डराने धमकाने तक सीमित रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है जब मंत्री रेणुका सिंह छत्तीसगढ़ के साथ हो रहे भेदभाव अन्याय पर मौन रहे हो। इसके पहले भी छत्तीसगढ़ में किसानों को एकमुश्त धान की कीमत 2500 रु क्विंटल देने पर केंद्र सरकार के द्वार जब नियम शर्ते लगाई गई तब भी भाजपा के केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह मौन रही है। मोदी सरकार लगातार केंद्रीय शक्तियों का दुरुपयोग कर दबाव पूर्वक छत्तीसगढ़ के किसान मजदूर युवाओं महिलाओं के लिए बनाई गई योजना में बाधा उत्पन्न कर रही है। जीएसटी की राशि एवं जीएसटी की क्षतिपूर्ति की राशि आबंटन में देरी, प्रधानमंत्री आवास योजना को रद्द करना, प्रधानमंत्री मजदूर कल्याण योजना से छत्तीसगढ़ को बाहर करना, छत्तीसगढ़ को धान खरीदने के लिए पर्याप्त मात्रा में बारदाना नही देना, छत्तीसगढ़ से उसना चावल लेने से इनकार करना, धान से एथेनाल बनाने की अनुमति नहीं देना, कोरोना काल में आर्थिक मदद नहीं करना, सहित अनेक मामले हैं जो केंद्र सरकार से संबंधित है जिस पर केंद्र सरकार शक्तियों का दुरुपयोग कर बाधा उत्पन्न करती है तब भी भाजपा के सांसद और राज्यमंत्री मौन रहती है। भाजपा के सांसद और नेता छत्तीसगढ़ सीमा के भीतर छत्तीसगढ़ की जनता के हितैषी होने का स्वांग रचते हैं लेकिन जहां छत्तीसगढ़ की जनता की आवाज बननी चाहिए वहां वे सब डरे सहमे मौन रहते हैं।