कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव जून तक टल गया है। पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के बाद नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। एक तरफ इस बात का अभियान चल रहा है कि राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए। कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इसके लिए दबाव बनाया है। रविवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस कार्य समिति की पिछली बैठकों में यहीं बात राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी कह चुके हैं। दिल्ली की प्रदेश कमेटी तो राहुल को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव भी पास कर चुकी है। ज्यादातर नेता मान रहे हैं कि हर साल पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की चर्चा को एक बार में खत्म करना चाहिए और राहुल अध्यक्ष बन कर वैसे ही पार्टी को संभालें, जैसे सोनिया ने 23 साल से संभाला है।
परंतु दूसरी ओर सोनिया, राहुल और प्रियंका के यहां इस बात पर भी मंथन हो रहा है कि अगर अभी राहुल को फिर से अध्यक्ष बनाया गया तो लोकसभा चुनाव में हार के बाद इस्तीफा देने का दांव बेकार चला जाएगा। उसे एक नाटक माना जाएगा और भाजपा को प्रचार का मौका मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनवरी में स्वामी विवेकानंद की जयंती के मौके पर भाषण में कहा था कि वंशवाद लोकतंत्र का सबसे बड़ा दुश्मन है। अगर राहुल अध्यक्ष बनते हैं तो उनके स्तर से भी हमला हो सकता है।
दूसरी बात यह कही जा रही है कि कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल दो साल के करीब बचा हुआ है। इसलिए अभी गांधी परिवार से बाहर के किसी व्यक्ति को अध्यक्ष बना दिया जाए और अगले साल दिसंबर में राहुल कमान संभालें। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव दिसंबर 2017 में हुआ था, जब राहुल गांधी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन उन्होंने डेढ़ साल के बाद ही 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की हार के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। ध्यान रहे 2011 के बुराड़ी कांग्रेस में अध्यक्ष पद का कार्यकाल बढ़ा कर पांच कर दिया गया था। सो, पांच साल का कार्यकाल दिसंबर 2022 में खत्म होगा।
इसी आधार पर कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में अंबिका सोनी ने चुनाव का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि अब डेढ़-दो साल का कार्यकाल बचा है और इसलिए अब चुनाव नहीं कराना चाहिए। वे चाहती थीं कि सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर कामकाज संभालती रहें और अगले साल दिसंबर में फिर पांच साल के लिए चुनाव हो। पर चूंकि खुद सोनिया गांधी ने चुनाव की हामी भर दी थी इसलिए यह तय हुआ कि जून में चुनाव होगा। कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के अभी फिफ्टी-फिफ्टी चांस हैं। हो सकता है कि वे इनकार कर दें और जून में अगले डेढ़ साल के लिए किसी गैर गांधी को अध्यक्ष बनाया जाए। अगले साल होने वाले सात राज्यों का विधानसभा चुनाव होने के बाद राहुल गांधी फिर अध्यक्ष बनें। फैसले सोनिया, राहुल और प्रियंका को करना है।