संस्थागत प्रसव में लगातार बढ़ोतरी, गर्भवती महिलाओं और नव प्रसूताओं को तीनों योजनाओं का दिया जा रहा लाभ
रायपुर. 6 मार्च 2022. प्रदेश में मातृत्व स्वास्थ्य को बेहतर करने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने जननी सुरक्षा योजना, जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम और जन्म सहयोगी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा संचालित इन योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ गर्भवती महिलाओं व नव प्रसूताओं तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जा रहा है। इनके प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश में संस्थागत प्रसव की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
राज्य में सुरक्षित मातृत्व व संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना शुरू की गई है। गर्भावस्था से लेकर प्रसव के 42 दिनों तक होने वाली गर्भवती महिलाओं और नव प्रसूताओं की मृत्यु में कमी लाना ही इस योजना का उद्देश्य है। ग्रामीण महिलाओं द्वारा शासकीय अस्पताल या जननी सुरक्षा योजना के तहत मान्यता प्राप्त निजी अस्पताल में बी.पी.एल. महिलाओं द्वारा प्रसव करवाने पर 1400 रूपए की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। शहरी महिलाओं को शासकीय अस्पताल में संस्थागत प्रसव पर 1000 रूपए दिए जाते हैं। घर पर प्रसव की स्थिति में बी.पी.एल. श्रेणी की ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को 500 रूपए प्रदान किया जाता है। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में योजना के अंतर्गत दो लाख 19 हजार 241 हितग्राहियों को राशि दी गई है।
जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत गर्भवती महिला या नव प्रसूता के चिकित्सकीय सहायता के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पर उन्हें निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है। सम्पूर्ण सेवा शुल्क में छूट के साथ ही हर तरह की जांच एवं परीक्षण, सामान्य एवं सिजेरियन प्रसव, रक्त चढ़ाए जाने की व्यवस्था, भर्ती के दौरान भोजन की व्यवस्था जैसी सभी सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाती है। घर से अस्पताल, अस्पताल से उच्च संस्था रेफरल और अस्पताल से घर वापसी के लिए निःशुल्क वाहन भी उपलब्ध कराया जाता है। चालू वित्तीय वर्ष में दो लाख 99 हजार 273 हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया जा चुका है।
प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जन्म सहयोगी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत प्रसव के दौरान गर्भवती महिला के परिवार से किसी महिला सदस्य या मितानिन को प्रसव कक्ष में मौजूद रखा जाता है ताकि गर्भवती महिला का मनोबल प्रसव के दौरान बढ़ा रहे। चालू वित्तीय वर्ष में एक लाख 81 हजार 557 गर्भवती महिलाओं की परिवार के सदस्य या परिचित मितानिन की उपस्थिति में प्रसव कराया गया है।