रमन खैरागढ़ में उम्मीद छोड़ अगले चुनाव की बात कर रहे – कांग्रेस
रायपुर/06 अप्रैल 2022। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा खैरागढ़ में पत्रवार्ता में उठाये गए सवालों और तथा कथित आरोप पत्र पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा और रमन सिंह को आरोप पत्र की जगह माफीनामा जारी करना चाहिए। माफीनामा खैरागढ़ की जनता से जिला नहीं बनाने के लिए। छत्तीसगढ़ की जनता से 15 साल के कुशाशन भ्रष्टाचार के लिए माफीनामा जारी करना चाहिए। नान घोटाले अंतागढ़ घोटाले के लिए माफीनामा जारी करना चाहिए। किसानों को धोखा देने के लिए रमन सिंह को कांग्रेस के घोषणा पत्र से क्या तकलीफ है जो वे रायपुर से लेकर खैरागढ़ तक यह रोना रो रहे हैं कि कांग्रेस ने घोषणा पत्र जारी किया है। हमने नया जिला बनाने सहित खैरागढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता की भावनाओं के अनुरूप सम्पूर्ण विकास का लक्ष्य सामने रखा है तो रमन सिंह को यह तकलीफ हो रही है कि खैरागढ़ को अपनी जन्मभूमि बताने वाले रमन सिंह ने 15 साल मुख्यमंत्री रहते हुए जन्मभूमि का राजनीतिक दोहन करने के अलावा कुछ नहीं किया और अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इसका उद्धार करने प्रतिबद्ध हैं तो उन्हें राजनीतिक पराजय सुनिश्चित नजर आ रही है। रमन सिंह कितनी संकीर्ण मानसिकता के हैं कि जनता के हितों की कीमत पर अपनी हार टालने की जुगत भिड़ा रहे हैं!
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पंद्रह साल तक कांग्रेस ने तो खैरागढ़ को जिला बनाने से नहीं रोका। भाजपा की सरकार ने जिला क्यों नहीं बनाया, जब नए जिले बना रहे थे तब रमन सिंह को जन्मभूमि याद नहीं आई। अब हारने के डर से वे नए जिले का विरोध कर रहे हैं। खैरागढ़, गंडई, छुईखदान और साल्हेवारा की जनता देख रही है कि रमन सिंह किस तरह उसके विकास में बाधक बन रहे हैं। रमन सिंह ने डेढ़ दशक में खैरागढ़ की जनता का कभी कोई भला नहीं किया। वे खैरागढ़ को भाजपा का गुलाम समझते रहे लेकिन अब उनका सफाया हो चुका है। यह भूपेश बघेल का नवा छत्तीसगढ़ है। नवा खैरागढ़ गढ़ा जा रहा है तो रमन सिंह के हाथ के तोते उड़ गए हैं। पूरे छत्तीसगढ़ में मुंह की खाने के बाद अब खैरागढ़ में लुटिया डूबते देख वे बौरा गए हैं और खैरागढ़ का बुरा सोच रहे हैं। उन्होंने खैरागढ़ से उम्मीद छोड़ दी है इसलिए सोशल मीडिया पर अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गए हैं। कांग्रेस घोषणा ही नहीं करती। उस पर अमल भी करती है। वायदे करके पूरा न करना भाजपा की फितरत है। कांग्रेस जो कहती है, वह करती है।