दुर्ग, 12 फरवरी 2021। राज्य के 6 जिलों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता को जांचने को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम सम्बंधित जिलों का दौरा कर रही है यह टीम 11 से 26 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता की जांच करेगी। इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा डायरेक्टर ऑफ़ हेल्थ सर्विसेज छत्तीसगढ़ को पत्र जारी कर सूचित भी किया गया है।
इसी क्रम में आज दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक में कुष्ठ खोज अभियान के तहत 53 नए मरीज मिलने के बेहतर सर्वे कार्य को टीम द्वारा जायजा लिया गया। इस दौरान उन्होंने कुष्ठ मरीजों से मुलाकात भी की। टीम का नेृतत्व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिजनल डायरेक्टर डॉ लीना बंद्वोपध्याय ने किया | जिले में भ्रमण के दौरान टीम ने जिले के सीएमएचओ डॉं.गंभीर सिंह ठाकुर, जिला कुष्ठ/टीबी/एड्स अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला, ज्वांइट डायरेक्टर डॉ. प्रशांत श्रीवास्त, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन के डॉ. आशीष शर्मा, पाटन के एनएमए बीएल साहू, अजय रावत, सीएल मैत्री, जाकीर खान, बीईटीओ सीएल वर्मा से भी मुलाकात की। कुष्ठ मुक्त अभियान के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की रिजनल डायरेक्टर ने कुष्ठ की रिपोर्टिंग का जायजा लिया और ब्लॉक के अरसनारा गांव में कुष्ठ के दो नए मरीजों से मुलाकात कर दवाईयों के सेवन के बारे में जानकारी भी हासिल की। इस दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता को भी जांचा गया।
निरीक्षण के लिए यह जिले हुए हैं चिन्हित
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की टीम द्वारा सर्वप्रथम 11 फरवरी को बेमेतरा में एवं 12 फरवरी को दुर्ग में निरीक्षण किया गया है। वहीँ 23 और 24 फरवरी को मुंगेली और जगदलपुर एवं 25 और 26 फरवरी को विलासपुर और दंतेवाडा जिलों में स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता को जांचा जाएगा।
इन लोगों के नेत्रत्व में हो रहा निरीक्षण
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता जांचने को तीन लोगों के नेतृत्व में टीमों का गठन किया गया है जिसमें रीजनल डायरेक्टर डॉ लीना बंधोपाध्याय, कंसल्टेंट डॉ कृष्णमूर्ति काम्बले, डिप्टी डायरेक्टर डॉ चैतन्य निगम शामिल हैं। इन्हीं लोगों के नेत्रत्व में केंद्रीय टीम स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता जांचने को जिलों के अस्पतालों का दौरा कर रही है।
केंद्रीय टीम द्वारा इन स्वास्थ्य कार्यक्रमों की गुणवत्ता को परखने का होगा प्रयास
राष्ट्रीय कुष्ठ निवारण कार्यक्रम, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, इंटीग्रेटेड डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम एवं आर.एम.एन.सी.एच.+ए के अंतर्गत आने वाले कार्यक्रमों की गुणवत्ता को परखा जाएगा।
आर.एम.एन.सी.एच.+ए रणनीति के अंतर्गत आती हैं यह सेवायें
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय लोगों का बेहतर स्वास्थ्य देने के उद्देश्य से आर.एम.एन.सी.एच.+ए की रणनीति अपनाई है इसके अंतर्गत मनुष्य का पूरा जीवन चक्र समाहित है इसको लाइफ साईकिल अप्रोच भी कहा जाता है । आर.एम.एन.सी.एच.+ए रणनीति में आर. का मतलब है Reproductive यानि कि प्रजनन स्वास्थ्य इसके अंतर्गत परिवार नियोजन की सेवाएँ प्रदान की जाती हैं, एम. का मतलब Maternal यानि कि मातृ स्वास्थ्य इसके अंतर्गत गर्भावस्था से लेकर प्रसव पश्चात सेवाओं को शामिल किया जाता है, एन. का मतलब Newborn यानि की नवजात स्वास्थ्य इसके अंतर्गत 0 से 28 दिनों तक के नवजात बच्चों से सम्बंधित स्वास्थ्य सेवाएँ दी जातीं है सी. का मतलब Child है इसके अंतर्गत 1 माह से 5 वर्ष तक के बच्चो से सम्बंधित सेवाओं को शामिल किया जाता है ए का मतलब Adolescent है यानि कि किशोर स्वास्थ्य इसके अंतर्गत किशोर – किशोरियों से सम्बंधित स्वास्थ्य सेवाओं को शामिल किया जाता है वहीँ एच का मतलब Health है |