खुद को राष्ट्रवादी होने का दम्भ भरने वाले देश की सेना के साथ भारत के युवाओं का भी भविष्य खराब करने पर तुले – कांग्रेस
*रायपुर/() प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि खुद को रास्ट्रवादी सरकार का दम्भ भरने वाली भाजपा की केंद्र सरकार अग्निवीर के नाम पर राष्ट्र की सुरक्षा के साथ मजाक करने जा रही है। देश की सेनाओं में राष्ट्र सेवा के साथ सुनहरे भविष्य का सपना देखने वाले युवा खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। मोदी सरकार देश की सेना के साथ भारत के युवाओं का भी भविष्य खराब कर रही है। इस योजना की घोषणा के बाद से पूरे देश में युवाओं में आक्रोश देखने को मिल रहा है। पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश बिहार, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सभी जगह युवा आंदोलन कर रहे हैं। इस योजना को लेकर सेना के पूर्व अधिकरी भी विरोध में उतर आए है।
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस योजना को लेकर देश का आम नागरिक, प्रबुध्द जन युवा सभी केंद्र सरकार से कुछ सवाल पूछना चाहते है। मोदी सरकार को देश की जनता के मन मे उठ रहे इन 11 सवालों का जवाब देना चाहिए।
- मोदी और केंद्र सरकार बताए यह बताए कि भारतीय सेना ( जल थल और वायु ) में सैनिक भर्ती की नियमित प्रक्रिया को बंद करके 4 साल के लिए अग्निपथ यानी “ठेके पर सैनिक भर्ती“ की योजना की किसके कहने पर बनाई गयी है? ऐसी किसी योजना की मांग न तो संसद की डिफेंस कमेटी से आई है न ही तीनों सेना के जरिए और न ही देश के युवा ऐसा चाहते हैं।
- मोदी जवाब दे बीते 2 वर्षो से सेना में भर्ती बन्द क्यों कर दी गयी है? जबकि इस दौरान अखिल भारतीय स्तर पर सिविल सेवा एवं अन्य सभी परीक्षाएं आयोजित कराई गई ।
- मोदी यह बताएं कि जल थल और वायु सेना में जो लगभग 225000 पद खाली हैं उनकी भर्ती कब और किस प्रकार की जाएगी। क्या सभी भर्तियां अब अग्निपथ योजना के तहत ही कि जाएंगी? यदि नहीं तो नियमित सैनिक भर्ती कब से शुरू होने जा रही हैं
- मोदी यह बताएं कि दो वर्ष पूर्व जो नियमित सैनिक भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी जिसमें हजारों युवाओं ने मेडिकल और फिसिकल टेस्ट परीक्षा पास कर ली थी, अग्निपथ योजना के बाद उनके लिए लिखित परीक्षा का आयोजन कि जाएगी कि नहीं ?
- मोदी और केंद्र बताएं कि नियमित सैनिकों को सैलरी के साथ पेंशन कैंटीन और भत्ते की सुविधा मिलती रही है क्या इन सुविधाओं को क्रमिक रूप से ख़त्म करने के लिए अग्निवीर यानी ठेके पर सैनिक भर्ती की योजना लाई गयी है?
- अग्निपथ स्किम की घोषणा के दौरान यह बताया गया कि सेना में भर्ती के लिए जो नियम और परीक्षाएं ली जाती है वह यथावत रहेगीं। ऐसी स्थिति में उतनी ही मेहनत और संघर्ष करके सेना में 4 साल की सेवा के लिए अग्निपथ स्किम के तहत परीक्षा क्यों देना चाहेंगे?
- मोदी बताएं कि अग्निपथ स्किम के तहत जो 75 प्रतिशत युवा सेना से रिटायर कर दिए जाएंगे, उन्हें स्किल डेवलेपमेंट और इंटरप्रेन्योरशिप से स्किल का सर्टिफिकेट देने के पीछे क्या तर्क है? भर्ती सेना में हो रही है और सर्टिफिकेट स्किल डेवलोपमेन्ट का क्यों दिया जा रहा है? युवाओं को होम गार्ड और वार्ड बाय बनाना चाहते हैं या सैनिक ?
- मोदी बताएं जिस भारत की तीनों सेनाओं की एक विशेष गरिमा, इतिहास, चरित्र व अनुशासन की परिपाटी है। सेना में सबसे बड़ा एस्सेट सैनिक है, जो यूनिट’ के जुड़ाव के आधार पर लड़ता है और देश की रक्षा करता है। एक अनुशासित कमान में हर कुर्बानी देने वाली फौज के लिए परंपराओं का यह जुड़ाव उन्हें एक परिवार बनाता है, तथा उस मार्ग पर चलकर वह देश के लिए सर्वोच्च कुर्बानी करने को सदैव तत्पर रहते हैं। क्या चार साल के कॉन्ट्रैक्ट भर्ती के सैनिक इस परंपरा, परिपाटी, जुड़ाव व अनुशासन की भावना अपना पाएंगे? क्या इतने थोड़े समय में यह संभव हो पाएगा?
- मोदी बताएं जब दो पड़ोसी मुल्कों के साथ हमारे बॉर्डर एक्टिव हैं – एक तरफ पाकिस्तान की सीमा और दूसरी तरफ चीन की सीमा – तो ऐसे में रैग्युलर भर्ती पर पाबंदी लगाकर क्या चार साल की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती करना देशहित में है?
- मोदी जबाब दे नौसेना व वायुसेना के ज्यादातर पद टेक्निकल हैं व उन्हें एक स्पेशलिस्ट काडर की जरूरत है। इस स्पेशलिस्ट काडर में ट्रेनिंग की अवधि ही 1.5 से 2 साल हैं तथा कुछ समय एडवांस ईक्विपमेंट्स को जानने व समझने में भी लगता है। ऐसे में ट्रेनिंग कैसे देंगे और चार साल बाद इन ट्रेन किए गए लोगों को छोड़ेंगे कैसे? इसी प्रकार से थलसेना की आर्मर्ड आर्टिलरी, टैंक, गन, इंजीनियरिंग ईक्विपमेंट्स, मिज़ाईल यूनिट्स आदि ब्रांचेस में भी टेक्निकल स्पेशलिस्ट व व्यापक तजुर्बे की आवश्यकता है। तीन महीने में ट्रेन किए गए व कुल चार साल के कॉन्ट्रैक्ट पर लगाए सैनिक किस प्रकार से थल सेना की इस जरूरत को पूरा कर पाएंगे?
- मोदी बताएं क्या ये वाकई सौनिक भर्ती है? चार साल के इन कॉन्ट्रैक्ट सैनिकों की कुल तनख्वाह यानि ग्रॉस सेलरी मात्र 30,000 है। इसके विपरीत भारत सरकार के क्लास 4 यानि ग्रुप डी कर्मचारी की कुल तनख्वाह यानि ग्रॉस सेलरी 31,000 है। मोदी सरकार के क्लास 4 कर्मचारी से भी कम तनख्वाह देकर किस प्रकार की सैनिक भर्ती कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि देश मे जब से मोदी सरकार आई है अपने अदूरदर्शी और तुगलकी निर्णयों से देश की सुचारू रूप से चल रही व्यवस्था को बर्बाद करने का काम किया है। नोटबन्दी जीएसटी के बाद सेना भर्ती प्रक्रिया से देश का क्या भला होगा मोदी सरकार को जबाब देना चाहिये।