शिक्षा विभाग का आदेश विसंगति पूर्ण – रंजय सिंह

सूरजपुर : -छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह,सूरजपुर जिला अध्यक्ष भूपेश सिंह ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पुरानी पेंशन नही दिए जाने का आदेश जारी किया गया है, इस आदेश से शासन की मंशा स्पष्ट हो गया है कि संविलियन हुए एलबी संवर्ग को प्रथम नियुक्ति से मिलने वाले लाभ से वंचित करने का षणयंत्र किया जा रहा है।

पिछली सरकार ने संविलियन का नियम बनाया, उसके पहले सरकार व शासन के लोग यह कहते थे कि “न संविलियन कभी हुआ है न कभी होगा” पर मोर्चा के बेहतर रणनीति से हुए आंदोलन के चलते सरकार को संविलियन का निर्णय लेना पड़ा और अब प्रदेश में सम्पूर्ण संविलयन के बाद शिक्षा कर्मी व्यवस्था समाप्त हुआ है।

छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश महामंत्री रंजय सिंह, जिलाध्यक्ष भूपेश सिंह,संयोजक मुकेश मुदलियार,सुरविन्द गुर्जर,गौरीशंकर पांडेय,चन्द्रविजय सिंह,रामचन्द्र सोनी,घनश्याम सिंह,बिजेंद्र साहू,नागेन्द्र सिंह, चन्द्रदेव चक्रधारी, पीताम्बर सिंह मराबी,जितेंद्र सिंह, रामबरन सिंह, बिनोद केराम,संजय चतुर्वेदी, मोहरसाय ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग छ.ग. शासन द्वारा जनघोषणा पत्र में उल्लेखित पुरानी पेंशन देने के वादा को खारिज करते हुए एलबी संवर्ग के लिए पुरानी पेंशन लागू नही करने का आदेश जारी कर स्पस्ट कर दिया गया है कि सरकार के वादा से उन्हें कोई लेना देना नही है ।

उन्होंने यह भी कहा की वर्तमान सरकार ने तो जनघोषणा पत्र में नवीन पेंशन योजना के जगह पुरानी पेंशन व क्रमोन्नति देने का स्पष्ट उल्लेख किया है उसके बावजूद अधिकारी लाभ से वंचित करने का आदेश जारी कर शिक्षकों के आक्रोश को निरन्तर बढ़ाने का काम कर रहे है।

ज्ञात हो कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने शासन की मंशा को भांपकर शासन व सरकार को अवगत कराते हुए सभी 90 विधायकों को ज्ञापन देकर मांग किया था कि एलबी संवर्ग को ई/टी संवर्ग में शामिल करते समय प्रथम नियुक्ति से समस्त लाभ सहित ही समायोजन स्वीकार्य होगा।

छत्तीसगढ़ की व्यवस्था में एकरूपता की आवश्यकता बताते हुए सभी के लिए पुरानी पेंशन लागू करने की मांग करते हुए बताया गया है कि छत्तीसगढ़ में विधायिका के लिए तो पुरानी पेंशन लागू है पर कार्यपालिका के लिए नवीन पेंशन योजना लागू किया गया है, जो भेदभावपूर्ण व्यवस्था है इसलिए एलबी संवर्ग के शिक्षकों को भी समस्त लाभ नियुक्ति तिथि से दिया जाना उचित होगा ।

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