रायपुर – छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के कैबिनेट मंत्री के रूप में सेवा के 3 वर्ष आज पूर्ण हुए। इन 3 सालों में मंत्री श्री भगत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार को अनेक उपलब्धियां मिली। रिकॉर्ड धान खरीदी, बारदाने का मूल्य बढ़ा, 4 महीने का मुफ्त राशन, 3 महीने का राशन एडवांस, कुपोषण से मुक्ति, सार्वभौम पीडीएस, छत्तीसगढ़ की संस्कृति को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान।
आइए जानते है कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत के सेवा के 3 बछर –
- छत्तीसगढ़ की संस्कृति, अस्मिता और संस्कारों को केंद्र में रखकर सरकार ने ’गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ का नारा दिया और प्रदेश को नई दिशा के साथ आगे बढ़ाने का काम किया.
- किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया. किसानों ने धान खरीदी के लिए बारदाने उपलब्ध कराने के मामले में बढ़-चढ़कर सहयोग दिया. मिलर्स और पीडीएस की दुकानों से पुराने बारदाने की व्यवस्था कर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी रही. इस साल किसानों से क्रय किए गए धान के एवज में उन्हें 19 हजार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है.
- राज्य के अंदर खाद्यान्न की व्यवस्था, क्वारेंटीन सेंटर की व्यस्था, राहत कैंप की व्यवस्था, बिना कार्ड वाले लोगों के लिए खाद्दान्न की व्यवस्था, समेत 3 महीने का राशन एडवांस में लोगों के घर पहुंचाया.
- कुपोषण मुक्ति अभियान में मुख्यमंत्री जी की मंशा के अनुरूप
स्वादिष्ट चना व गुड़ वितरण आरंभ किया गया, लॉकडाउन के दौरान लोगों को भोजन की कमी न हो इसके लिए एडवांस में तीन महीने का राशन दिया गया। - 2020 में यह राशन चार महीने के लिए बीपीएल हितग्राहियों को निःशुल्क प्रदान किया गया।
- अधिक से अधिक लोगों को सस्ता राशन देने के लिए सार्वभौम पीडीएस आरंभ किया गया, राशन कार्ड की संख्या 58 लाख से बढ़कर 70.80 लाख पहुँच गई।
- एपीएल परिवारों को 9.56 लाख सामान्य राशनकार्ड जारी किए गए।
- 3400 करोड़ रूपए का प्रावधान खाद्य सुरक्षा के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में किया गया।
- कोरोना काल में 98 प्रतिशत हितग्राहियों पीडीएस एक माध्यम से खाद्यान्न सुरक्षा उपलब्ध कराई गई।
- 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित एवं निःशक्तजन कार्ड के माध्यम से चार माह का राशन निःशुल्क प्रदान किया गया।
- वादे के अनुरूप राशनकार्ड में खाद्यान्न की पात्रता बढ़ाई गई, 3 से 5 सदस्यीय परिवार को 35 किलो प्रतिमाह चावल दिया जा रहा है, 5 से अधिक सदस्य होने पर 7 किलो प्रति सदस्य की दर से अतिरिक्त चावल दिया जा रहा है।
- बस्तर संभाग में 17 रूपये किलो की दर से 2 किलो गुड़ प्रतिमाह दिया जा रहा है, 7.04 लाख राशनकार्डधारी परिवार लाभान्वित हो रहे हैं।
- अनुसूचित व माड़ा क्षेत्र में अंत्योद्य व प्राथमिकता राशन कार्ड पर
5 रूपए प्रतिकिलो की दर से 2 किलो प्रतिमाह चना वितरित किया जा रहा है।
कोरोनाकाल में एक सच्चे जनप्रतिनिधि की पेश की मिसाल : मंत्री अमरजीत भगत सीतापुर विधायक है, व कोरोनाकाल के समय वो जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री थे, मंत्री श्री भगत ने कोरोनाकाल में अपने विधानसभा क्षेत्र व प्रभार जिले के क्षेत्र में अपना निःस्वार्थ योगदान दिया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की, व ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर, रेमडेसिविर दवाई, तथा जनता के हर सुविधा की चीजें उन तक पहुँचाई। लोक स्वास्थ्य केंद्रों में शहरी स्तर की स्वास्थ्य सेवायें और खाद्य सामग्री का निःशुक्ल वितरण भी किया।
छत्तीसगढ़ की फिल्म निर्माण नीति
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में व संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत के दिशा-निर्देश पर, आधुनिक फिल्म सिटी बनाने के लिए नया रायपुर में 115 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है. छत्तीसगढ़ सरकार बाकायदा फिल्म विकास निगम बनाने की तैयारी कर रही है.
इस नीति के तहत अगर किसी फिल्म की 50% शूटिंग छत्तीसगढ़ में होती है तो छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से फिल्म निर्माता को एक करोड़ रुपए तक का अनुदान दिया जा सकता है. यही अनुदान फिल्म प्रोडक्शन कंपनी पर लागू होता है, अगर वह 20% छत्तीसगढ़िया कलाकारों को या छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को बतौर सहायक कलाकार या टेक्निकल टीम में शामिल करते हैं.
जाहिर है इसका मकसद स्थानीय तौर पर कलाकारों और छत्तीसगढ़ के निवासियों को बेहतर मौके उपलब्ध कराना है. फिल्म निर्माता अगर अपनी दूसरी फिल्मी छत्तीसगढ़ में शूट करते हैं तो 50% शूटिंग का हिस्सा छत्तीसगढ़ में फिल्माने पर राज्य सरकार की ओर से 1.25 करोड़ का अनुदान दिया जाएगा और यही अनुदान बढ़ कर दो करोड़ हो जाएगा अगर 75 फ़ीसदी हिस्सा छत्तीसगढ़ में फिल्माया जाए और 20% स्थानीय या मूल निवासियों को मौका दिया जाए. इसी तरह फिल्म प्रोडक्शन कंपनी के लिए तीसरी और उसे आगे की फिल्में बनाने के लिए भी छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से अनुदान की घोषणा की गई है.
‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगो ने देखी छत्तीसगढ़ की संस्कृति : छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में देश के 27 राज्यों और 6 केन्द्र शासित प्रदेशों के कलाकारों के साथ ही 07 देशों- एस्वातीनी, नाइजीरिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, यूगांडा, माली और फिलिस्तीन से आए लगभग 1500 कलाकारो ने भाग लिए थे.
आदिवासियों की कला, संस्कृति के साथ-साथ उनके उत्पाद के प्रदर्शन एवं विक्रय का मेला लगा. जल-जंगल-जमीन जनजातीय समाज की आत्मा है. खेत-खलिहान, पशुधन और वनोपज ही असल सम्पत्ति है।