बसदेई स्कूल की छत भरभराकर गिरने से छात्रों में भय व्याप्त,शिक्षकों व पालको में आक्रोश

सूरजपुर। जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर दूरी पर बसदेई शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय स्तिथ है जहां पर शनिवार को दो कमरों की छत का प्लास्टर भरभरा कर नीचे गिर गया जिसमे कोई अप्रिय घटना घटित तो नही हुई क्योंकि घटना से कुछ देर पूर्व ही छात्र कमरों से बाहर निकले थे। लेकिन यही प्लास्टर कुछ समय पूर्व गिरा होता तो न जाने कितने छात्रों को गम्भीर चोटे आयी होती या फिर किसी की जान भी जा सकती थी ।

उक्त घटना से बाद से बच्चे दहशत में हैं तो वहीं शिक्षकों ,पालको में में भी आक्रोश व्याप्त है ।
शिक्षकों का कहना है कि जर्जर स्कूल की बिल्डिंग की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई और स्तिथि जस की तस बनी है और अंततः आज बहुत बड़ी घटना होने से टल गया ।

इस मामले को लेकर स्थानीय जानकारों ने बताया की शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बसदेई की इमारत 1992 में बनी है ।तब से इसमें मरम्मत का कोई कामकाज नहीं किया गया है। बताते हैं कि स्कूल स्टॉफ द्वारा भी कई बार आला अधिकारियों को जर्जर बिल्डिंग से हादसा होने की संभावना व्यक्त कर इसकी मरम्मत कराने की मांग की गयी लेकिन उस पर गौर नहीं किया गया।
उन्होंने यह भी बताया की कोरोना काल के बाद सरकार के आदेश जारी होने के बाद स्कूल चालू हो गया है इस बीच
शनिवार को स्कूल में कक्षा चल रही थी और बच्चे खाना खाने कक्षा से बाहर निकल कर खेलने लगे थे। इसी दौरान कमरे का पूरा प्लास्टर भरभरा कर नीचे आ गिरा। प्लास्टर गिरने से एक जोरदार आवाज हुई। शिक्षक आवाज सुनकर कमरे की ओर दौड़े। वहां का नजारा देख कर शिक्षकों के होश उड़ गए। प्लास्टर गिरने की खबर अभिभावकों को हुई, तो सभी ने स्कूल की ओर दौड़ लगा दी।

घटना को लेकर बसदेई क्षेत्र के जनप्रतिनिधियो ने बताया कि इस बिल्डिंग की शिकायत कई बार उच्च अधिकारियों से की गई है की इस बिल्डिंग को जमींदोज कर नया बिल्डिंग बनाया जाए लेकिन इस ओर आजतक किसी ने भी ध्यान देना उचित नही समझा जिसका खामियाजा स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों को भुगतना पड़ सकता है।

क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियो व स्कूल प्रबंधन द्वारा इस घटना की जानकारी आला अधिकारियों को दी गई, लेकिन शिक्षा विभाग से जुड़ा कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। इससे शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों में आक्रोश व्याप्त है।

वही इस मामले में देखना अब यह है की जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस घटना के बाद भी उक्त स्कूल भवन के जीर्णोधार के लिए कोई सार्थक कदम उठाते है या फिर किसी बड़ी अप्रिय घटना घटित होने का इन्तेजार करते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *