रायपुर 5 सितंबर 2022, शहरी क्षेत्रों में कृमि नाशक दवा के सेवन को अंतिम बच्चे तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहरी क्षेत्र की एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सभा कक्ष में दो पालियों में किया गया। इस दौरान शहरी क्षेत्र की एएनएम को कृमि नाशक गोली (एल्बेंडाजोल) खिलाने की विधि की जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण के प्रथम पाली में शहरी उत्तर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले अर्बन पीएचसी की एएनएम और सुपरवाइजर एवं द्वितीय पाली में शहरी क्षेत्र दक्षिण की एएनएम और सुपर वाइजर को प्रशिक्षित किया गया।
प्रशिक्षण की जानकारी देते हुए एनडीडी (नेशनल डीवर्मिंग डे) के नोडल अधिकारी डॉ.प्रणव वर्मा ने बताया: ‘’कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन 9 सितंबर को किया जाएगा एवं मॉक अप राउंड 14 सितंबर को चलाया जाएगा दवा को कैसे खिलाना है और कितनी मात्रा में खिलाना है के विषय में प्रशिक्षण सत्र दो पालियों में आयोजित किया गया।“
जिला डाटा मैनेजर (डीडीएम) निशामणी साहू ने प्रशिक्षण सत्र में रिपोर्टिंग प्रक्रिया के बारे में बताते हुए कहा: “रिपोर्टिंग वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम अपने कार्य के विषय में बता सकते हैं रिपोर्टिंग के माध्यम से हम बता पाते हैं, कि हमने कितने लोगों दवा खिलाई, कितनी आयु वर्ग के लोगों ने दवा का सेवन किया है। कितनी टीम ने उसमें सहयोग किया। इन सबसे ही एक बेहतर रिपोर्टिंग संभव हो पाती है, साथ ही यह जानकारी भी मिल पाती है कि लक्ष्य की तुलना में हमने कितने लोगों को दवा का सेवन कराया है, और मॉक अप पर हमें उन लोगों को ढूंढना होगा जो इस प्रक्रिया में छूट गए होंगे।“
प्रशिक्षण में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के मीडिया प्रभारी एवं एनडीडी (नेशनल डीवर्मिंग डे) प्रभारी गजेंद्र डोंगरे ने एएनएम को बताया: “बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए कृमि नाशक दवा जरूरी है। एल्बेंडाजोल एक कृमि (पेट के कीड़े) नाशक दवा है जिसको लेने से बच्चों के पेट के कीड़े ख़त्म हो जाते हैं। एक से 2 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली पीसकर पानी में घोल कर दी जाती है जबकि 2 वर्ष से 3 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पीसकर दी जाती है। वहीं 3 वर्ष से 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर/किशोरियों को यह टेबलेट चबाकर खानी होती है।‘’
उन्होंने आगे कहा: ‘’समस्त एएनएम अपने क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी प्रशिक्षित करेंगे और उन्हें कृमि नाशक दवा खिलाने के बारे में बताएगी, समस्त एएनएम, मितानिन 6 से 19 वर्ष तक के स्कूल में जाने वाले बच्चों की सूची बनाकर आंगनबाड़ी केंद्रों को दवा खिलाने में सहयोग प्रदान करेंगी। इस बार रायपुर मे 9 लाख से अधिक बच्चों एवं किशोर/किशोरियों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अपने सामने ही दवा खिलाई जानी है। दवा खिलाने के पश्चात अगर बच्चे को कोई प्रतिकूल प्रभाव होता है तो घबराए नहीं अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराएं साथ ही 102 या 108 नंबर डालकर सहायता प्राप्त की जा सकती है।“
प्रशिक्षण उपरांत सभी एएनएम को आंगनबाड़ी के लिए रिपोर्टिंग फॉर्मेट और दवा का वितरण भी किया गया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण और दवा वितरण करने को कहा गया। इस अवसर पर शहरी बीएमओ डॉ.पंकज किशोर, शहरी डाटा मैनेजर अनुराधा तिवारी भी उपस्थित रहे।