राज्य वित्त आयोग ने किया शैक्षणिक संस्थाओं के साथ एमओयू

रायपुर 23 सितंबर 2022/ राज्य वित्त आयोग के कार्यक्षेत्र में पंचायतीराज संस्थाओं व नगरीय स्थानीय निकायों की आर्थिक स्थिति की समीक्षा कर स्त्रोतों को बढ़ाए जाने हेतु अनुशंसाएँ रिपोर्ट के माध्यम से दिए जाने का संवैधानिक प्रावधान है। यह अनुशंसाएँ विस्तृत अध्ययन एवं अनुसंधान के माध्यम से तैयार की जाएगीं।

आयोग ने अपने कार्यप्रणाली को विस्तारित करते हुए एवं राज्य की अनुसंधान संबंधी क्षमता का उपयोग करते हुए राज्य के विश्वविद्यालयो एवं महाविद्यालयों को सम्मिलित करने का निर्णय लिया है। इस दिशा में आयोग ने पहल करते हुए राज्य के  शैक्षणिक संस्थाओं के साथ एमओयू किया है । जिन शैक्षणिक संस्थाओं के साथ एमओयू किया गया है उसमें नगरीय स्थानीय निकायों के आय-व्यय का विश्लेषण एवं जनता की संतुष्टि के अध्ययन हेतु डॉ रविन्द्र ब्रम्हे विभागाध्यक्ष अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर , छत्तीसगढ़ राज्य के ग्राम पंचायतों के स्वयं के कर राजस्व को बढ़ाए जाने अध्ययन हेतु डॉ विनोद कुमार जोशी, सहायक प्राध्यापक, अर्थशास्त्र डॉ. राधाबाई शासकीय नवीन कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय  रायपुर तथा राजनांदगांव व बस्तर जिले के ग्राम पंचायत की सेवा स्तर पर बेंच मार्किंग हेतु रागिनी सहायक प्राध्यापक, वाणिज्य संकाय शासकीय दिगविजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय को शामिल किया गया है। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग (चतुर्थ) का गठन जुलाई 2001 में किया गया है।

 इस अवसर पर  आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज ने कहा आयोग की यह पहल राज्य में स्थानीय विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों के अध्ययन एवं अनुसंधान के क्षेत्र में प्राध्यापकों की क्षमता निर्माण हेतु महत्वपूर्ण है, साथ ही यह आयोग के रिपोर्ट को स्थानीयता एवं व्यापकता के साथ समावेशी बनाने में सहायक होगी। इस दौरान संयुक्त सचिव डॉ. जे. एस. विरदी ,अनुसंधान अधिकारी सुश्री पायल गुप्ता एवं आयोग के समस्त कर्मचारीगण उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *