सुरजपुर : पूर्व प्राथमिक शिक्षा के अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यवस्था में बच्चों की उचित देखभाल, पोषण और उनका सर्वांगीण विकास महत्वपूर्ण है। इस आयु वर्ग में बच्चों का बौद्धिक व शारीरिक विकास तीव्र गति से होता है। इसके लिए बच्चों का पर्याप्त अवसर व प्रोत्साहन का माहौल मिलना जरूरी है। इसके लिए राष्ट्रीय प्रारंभिक बाल्यवस्था शिक्षा नीति (2013), प्रारंभिक बाल्यवस्था शिक्षा (राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा,2005) एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) में इस आयु के महत्व को समझते हुए पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है। इस कार्यक्रम की शुरुआत छत्तीसगढ़ की कुछ महिला शिक्षिकाओं ने महसूस किया कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रारंभिक शिक्षा प्रभावित हुई है। आंगनबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे तथा कक्षा पहली के बच्चे किसी भी स्थिति में पढ़ाई में पीछे न रहे इस हेतु इन महिला शिक्षिकाओं ने माताओं एवं अन्य सदस्यों के जागरूक करने के लिए “अंगना म शिक्षा” कार्यक्रम की शुरुआत की है। यह कार्यक्रम पूर्णतः महिला शिक्षिकाओं का ही कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम को विकास खंड में संचालन करने जिला स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित की गई थी, जिसमें विकास खंड प्रेमनगर के मंजुलता सिंह, नमिता पैंकरा और कु0 मीनू तिर्की मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त किये, तत्पश्चात स्कूल रेडिनेस के तहत अंगना म शिक्षा के प्रथम चरण का कार्यक्रम सूरजपुर जिले के विकास खण्ड प्रेमनगर में विकास खंड स्तरीय कार्यक्रम प्राथमिक शाला करमीटिकरा में आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में उपस्थित विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आलोक कुमार सिंह ने माताओं एवं बच्चों को संबोधित करते हुए कहा की इस कार्यक्रम में आठ कौशल है जिनके हर एक कौशलों से माताओं को परिचित कराया गया,इस कोरोना समय में मातायें बच्चों को घर में इन कौशलों से कुशल करेंगे।
बीपीओ रमेश जायसवाल ने कहा की यह कार्यक्रम विद्यालय पूर्व तैयारी है जिसमें मातायें बच्चों को प्रोत्साहित करे ताकि आने वाले समय में इसका प्रभाव दिखे। अंगना म शिक्षा कार्यक्रम में 09 काउंटर बनाया गया था जिसमें उन्मुखीकरण के अंतर्गत शारीरिक और क्रियात्मक विकास, सामाजिक और भावनात्मक विकास,बौद्धिक विकास एवं भाषा विकास शामिल है।
इस कार्यक्रम में कृष्ण कुमार ध्रुव पढ़ई तुँहर दुआर ब्लॉक मीडिया प्रभारी, प्रेमनगर संकुल समन्वयक पुष्पराज पाण्डेय, ब्रम्हपुर संकुल समन्वयक रामस्नेही साहू, मुकेश भारद्वाज, बालकरण सिंह, आभा सिंह, सुजाता जायसवाल, सुमन नामदेव, लक्ष्मी साहू, सुभद्रा बिरको, राहिल खेस, सोनिया सिंह, शिमला जायसवाल, सुधा सिंह, चंद्रावती साहू, पूर्णिमा सिंह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता रामेश्वरी सिंह आदि ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने अपनी भूमिका निभाई।