राष्ट्रीय रामायण महोत्सव
कन्नड़ में यक्षगान की सुंदर परंपरा रही है।
विजयनगर साम्राज्य के दौर में राम कथा का मंचन अपने शीर्ष में पहुंचा। रामकथा की प्रस्तुति में शास्त्रीय परंपरा के साथ ही स्थानीय स्तर पर चल रही कला परंपरा को शामिल किया गया है।
कन्नड़ प्रस्तुति में संस्कृत का गहरा प्रभाव दिख रहा है।
साथ ही दक्षिण भारत का संगीत अपने विशिष्ट रूप में यहां नजर आ रहा है।
जितना सुंदर मंच पर कलाकार प्रदर्शन कर रहे हैं, उतनी ही सुंदर प्रस्तुति वाद्ययंत्रों पर बैठे कलाकारों की भी है।
इससे एक विशिष्ट कला की सृष्टि हो रही है।
रामकथा केवल लोगों को प्रेरित नहीं कर रही बल्कि उन्हें कला की सूक्ष्मताओं पर भी बता रही है। दर्शकों के लिए यह सुंदर अनुभव है।