चिरमिरी। चुनावी माहौल में अपनी मजबूत पकड़ बनाने एवं जीतने की होड़ में अक्सर पिक्चरों में दिखाया गया है और जो कि असलियत में कई बार सुनने को भी मिला है कि राजनैतिक दलों के फलाना प्रत्याशी आम जनता को पैसों की मलाई चटाते पैसे बांटते नज़र आते हैं, मगर हाल ही में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां जनता को तो नहीं मगर राजनैतिक दल के कार्यकर्ता आपस में ही पैसे बांटने की बातें करते नज़र आए हैं।विधानसभा चुनाव को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी एक तरफ़ दोनों ही दिग्गज राष्ट्रीय पार्टी भाजपा एवं कांग्रेस से लोहा लेने के लिए तीनों विधानसभा क्षेत्रों में बड़े ही मेहनत मशक्कत में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ़ विधानसभा मनेंद्रगढ़ से चिरमिरी के शेख़ इस्माइल पर पार्टी ने मोहर लगा दी है और आज दिनांक 30.10.2023 दिन सोमवार को शेख इस्माइल ने जिला मनेंद्रगढ़ के कलेक्ट्रेट में अपना नामांकन पत्र जमा भी कर दिया है, जिस टिकट के लिए बड़े दिग्गज नाम बड़े ही चर्चाओं में बने हुए थे, जिसके लिए बड़े नेताओं ने सारे हथकंडे अपनाए मगर चिरमिरी शहर के शेख़ इस्माइल ने टिकट अपने नाम करने में कामयाबी हासिल कर ही ली, मगर यहां सवाल उठता है कि आखिर कैसे? तो अब आपको बता दें कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के तीन विधानसभाओं में परिस्थितियां वैसे ही डगमगाई हुई है, एक तो गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में समर्थकों कार्यकर्ताओं के बीच आपसी मतभेदों की बातें काफी पुरानी बात है, जिस वजह से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी हर विधानसभा चुनाव में सत्ता बनाने में विफल ही नज़र आती रही है, वहीं अब इसी से मेल खाता एक नया किस्सा बड़ी ही सुर्खियां बटोर रहा है, जहां सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, खुद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के ही समर्थक द्वारा पार्टी एवं पार्टी के जिले से ले कर राष्ट्रीय स्तर के उच्च पदाधिकारियों से नाखुश हो कर ऐसा कदम लिया गया है जिसकी चर्चा आम जनता में विधानसभा चुनाव के मात्र चंद हफ्तों पहले ही हर तरफ़ गूंजने लगी है, मामला है गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के विधानसभा मनेंद्रगढ़ क्षेत्र का, जहां की पोल खोलते एक विडियो सामने आया है, आखिर किस तरह एन तेन हथकंडों को अपनाते हुए चाहे पैसों के बलबूते हो या प्रत्याशी के बड़े ही करीबी समर्थक द्वारा किसी अन्य प्रत्याशी के हाथ पैर जोड़ते हुए मिन्नतें करते हाथ फैलाए हुए सही मगर, पार्टी की टिकट प्रत्याशी ने हासिल की है, जिसका पूरा गीला चिट्ठा उक्त वाइरल विडियो में साफ साफ देखने को मिल सकता है।पूरा मामला कुछ ऐसा है कि विधानसभा मनेंद्रगढ़ क्षेत्र से पार्टी को प्रत्याशी तय करने में काफी गंभीर चिंतन करना पड़ रहा था, आखिर पैसों से सार्थक प्रत्याशी को टिकट का प्रबल दावेदार माना जाए या फिर जनता के लिए किसी लोकप्रिय चेहरे को, ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इसका प्रमाण उस वाइरल विडियो में साफ साफ देखा जा सकता है, जिस पर कुछ इस तरह मंथन करना भी उचित होगा कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिले से ले कर राष्ट्रीय स्तर के उच्च पदाधिकारी विधानसभा चुनाव में जीतने के लिए नहीं मगर अपनी जेबें भरने के उद्देश्य से इस चुनाव में भाग ले रहे हैं, लड़ रहे हैं, वाइरल विडियो में कुछ ऐसी भी बातें सामने आईं हैं कि पार्टी को कितना देना है? कितनों ने विधानसभा मनेंद्रगढ़ के प्रत्याशी के सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ाया है? करोड़ों रूपयों की बातें भी विडियो में साफ साफ सुनने को मिला है, मामला यहां तक गंभीर है कि उक्त विडियो में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ता का जो चेहरा नज़र आ रहा है उसने अन्य पार्टी के प्रत्याशी से कुछ रूपये लिए भी हैं, और शुरू से अंत तक वाइरल विडियो में धन योग की ही बातें सुनने को मिली हैं, जिससे कि पार्टी की टिकट कैसे भी बस हथिया लिया जाए?पार्टी की इन तमाम गतिविधियों के देखते हुए पार्टी का कहीं ना कहीं अंदर ही अंदर खोखला होने की आशंकाएं जताई जा सकती हैं, इन सभी मसलों को ले कर जब जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष केवल सिंह मरकाम से जानकारी चाही गई तब केवल सिंह मरकाम इन तमाम करम कांडों का टिकरा पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष के सर पर डालने के तमाम प्रयास करने लगे, जिस सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उठता है कि क्या इसमें पार्टी के दिग्गज नेताओं की संलिप्तता भी है? या फिर क्या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिलाध्यक्ष इस काबिल नहीं कि वो इन मसलों को खुद संभाल लें? जिस बात का जवाब जिलाध्यक्ष दे तो सकते हैं मगर शायद देने के लिए खुद को काबिल नहीं समझ पा रहे हैं?इस मामले को यदि गंभीरतापूर्वक सोचा समझा जाए तो कुछ प्रमुख सवाल लोगों के ज़ुबान पर अब उठने लगे हैं कि क्या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जनहित के लिए जिस जल जंगल जमीन की बातें करती हैं, वो तमाम बातें बस ढकोसला हैं और पार्टी के झूठे एजेंडा हैं? क्या जिला से ले कर राष्ट्रीय स्तर के इस पार्टी के उच्च पदाधिकारी मात्र पैसों की बलि चढ़ चुके हैं? और क्या गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सही मायने में अब मात्र निजी स्वार्थ पर ही काम कर रही है? क्या पार्टी की नीति और स्तर इस कदर इतने नीचे गिर चुकी है कि पार्टी के कार्यकर्ताओं में आपसी रंजिश और मतभेदों का आलम पार्टी कैसे तमाम उसूलों की धज्जियां उड़ाने जैसी परिस्थितियां उत्पन्न कर रहा है? क्या ऐसे विडियो में दिखाए गए इस सच्चाई के माध्यम से पार्टी आगामी चुनाव में जनहित की लड़ाई लड़ेगी? और यदि इस स्तर की लड़ाई गोंडवाना गणतंत्र पार्टी लड़ने जा रही है तो सर्वप्रथम गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को अपने आपसी मसलों को सुलझाने की ज़रूरत है, जिसके बाद पार्टी अपने अन्य विधानसभा क्षेत्रों में लोगों के विकास और जनहित के वादे करें, अन्यथा वो दिन दूर नहीं जब गोंडवाना गणतंत्र पार्टी अपने शुरूआती दौर में ही अपने विध्वंस होने का इंतेजाम कर बैठेगी और जिसके ज़िम्मेदार होंगे गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला स्तर से ले कर राष्ट्रीय स्तर तक के पदाधिकारी, जिनकी नियती और दिमाग में इन दिनों मात्र पैसों का ही धुन सवार है, इसका क्या ही असर विधानसभा चुनाव में तीनों विधानसभा क्षेत्रों में पड़ेगा, और जनता की नज़र में ये कैसी छवि बना रहे हैं ये तो जनता आगामी चुनाव में इन समस्त मामलों को अध्ययन करते हुए तय करेगी?