नई दिल्ली : केन्द्रीय वित्त एवं कारपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज यहां वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समग्र विकास समिति की 103वीं बैठक में भाग लिया। बैठक के एजेंडे में सामान्य फ्रेमवर्क के तहत कर्ज राहत के लिए विश्व बैंक समूह (डब्ल्यूबीजी) और अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष समर्थन और अन्य; कोविड-19 महामारी : विकासशील देशों के द्वारा टीकों की निष्पक्ष और किफायती उपलब्धता के लिए विश्व बैंक समर्थन; कोविड-19 संकट से त्वरित सुधार के लिए प्रतिक्रिया- जीवन और आजीविका रक्षा – हरित, लचीला और समावेशी विकास (ग्रिड) को समर्थन देते हुए जीवन और आजीविका रक्षा शामिल हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि हम सभी अपनी अर्थव्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने में और कोविड-19 महामारी से लोगों को सुरक्षित रखने में लगे हुए हैं। भारत सरकार बीते एक साल के दौरान कई राहत पैकेज के साथ ही महामारी का प्रसार रोकने और उसके सामाजिक व आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सरकार ने 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया है, जो जीडीपी के 13 प्रतिशत से ज्यादा है। इन पैकेजों का उद्देश्य सिर्फ गरीब और वंचित तबकों को सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराना, बल्कि आर्थिक सुधारों को गति देना भी है।
वित्त मंत्री ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि डब्ल्यूबीजी ने पहली बार 100 अरब डॉलर से ज्यादा वित्तपोषण को मंजूरी देने के साथ कोविड-19 महामारी के मद्देनजर अपना वित्तपोषण बढ़ाने की दिशा में कदम उठाए हैं। श्रीमती सीतारमण ने डब्ल्यूएचओ और जीएवीआई जैसी अन्य बहुपक्षीय एजेंसियों के साथ समन्वय में समयबद्ध और किफायती तरीके से विकासशील देशों की वैक्सीन तक पहुंच सुनिश्चित करने में मदद करने में सक्रिय भूमिका निभाई है।
वित्त मंत्री ने विश्व बैंक से कमजोर देशों के कर्ज स्थायित्व और डब्ल्यूबीजी के वित्तीय स्थायित्व को ध्यान में रखते हुए संकट के मद्देनजर प्रतिक्रिया देने की संभावनाएं तलाशने का अनुरोध किया है।