रायपुर। भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी संदीप शर्मा ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा 03 लाख टन अतिरिक्त रासायनिक खाद की मांग करने पर सवाल उठाया है। श्री शर्मा ने जानना चाहा है कि करोड़ों किलो गोबर कम्पोस्ट खाद बनाने के बाद भी रासायनिक खाद के बदले कम्पोस्ट खाद से खेती की पद्धति विकसित करने की बड़ी-बड़ी डींगें हाँकने वाले मुख्यमंत्री बघेल को अब 30 फ़ीसदी अतिरिक्त रासायनिक खाद की ज़रूरत क्यों पड़ रही है?
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी श्री शर्मा ने कहा कि गत वर्ष 10 लाख टन केमिकल फर्टिलाइज़र लगा था और इस वर्ष के लिए उनकी 30 प्रतिशत अतिरिक्त रासायनिक खाद की मांग इसलिए भी सवाल खड़ा करती है क्योंकि पिछले साल प्रदेश सरकार के खजाने से 44 करोड़ किलो गोबर ख़रीदा है। प्रदेश सरकार ने यह ख़रीदी यह कहकर की थी कि हम छत्तीसगढ़ में केमिकल फर्टिलाइज़र के विरुद्ध कम्पोस्ट खाद का उपयोग करना चाहते हैं।
शर्मा ने कहा कि 44 करोड़ किलो गोबर से लगभग 15 करोड़ किलो कम्पोस्ट खाद बनी है तो प्रदेश सरकार बताए कि इस खाद का उपयोग कहाँ किया जा रहा है? इतनी मात्रा में कम्पोस्ट खाद बनने के बाद भी प्रदेश को 30 फ़ीसदी अतिरिक्त केमिकल फर्टिलाइज़र की ज़रूरत क्यों पड़ रही है? इन सवालों का ज़वाब मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश को दें। श्री शर्मा ने कहा कि मज़ेदार बात तो यह है कि मुख्यमंत्री बघेल यह अतिरिक्त खाद जुलाई महीने के लिए मांग रहे हैं , जबकि खाद की आपूर्ति सामान्य होने के बाद भी प्रदेश में खाद की कालाबाज़ारी की स्थिति है। इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?
शर्मा ने कटाक्ष किया कि एक तरफ़ मुख्यमंत्री बघेल अतिरिक्त खाद के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिख रहे हैं जबकि दूसरी तरफ़ उन्हीं की सरकार के कृषि मंत्री रवींद्र चौबे ने मई महीने में पचास फीसदी खाद का भंडारण कर लेने की बात कही थी और बाकी का भंडारण भी शीघ्र कर लेने की बात कहे थे तो अचानक से 3 लाख टन खाद कम कैसे पड़ गया या सरकार ने अपना आकलन गलत लगाया था श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल और कृषि मंत्री चौबे में से कौन सही बोल रहे हैं यह स्पष्ट होना चाहिए और अगर कृषि मंत्री का कथन ग़लत है तो मुख्यमंत्री बघेल को अपने कृषि मंत्री की मंत्रिमंडल से छुट्टी करनी चाहिए।
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी शर्मा ने कहा कि यह प्रदेश सरकार अपने ही अंतर्विरोधों के बोझ से दबी हुई है और यह हाल ही स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी निजी अस्पतालों को अनुदान देने संबंधी मुख्यमंत्री बघेल की घोषणा का सार्वजनिक तौर पर विरोध करके साफ़ किया है। श्री शर्मा ने कहा कि यह बात आईने की तरह साफ़ हो चली है कि मुख्यमंत्री बघेल और उनकी पूरी सरकार अपनी नाक़ामी को छिपाने के लिए केंद्र सरकार के साथ इस तरह के पत्र-व्यवहार करने की सियासी लफ़्फ़ाजियाँ करती हैं और प्रदेश के किसानों को यह जताने की नाकाम कोशिश करती है कि हम प्रदेश के किसानों के हक़ की लड़ाई लड़ रहे हैं; जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र सरकार खाद की नियमित आपूर्ति कर रही है और प्रदेश सरकार सिर्फ़ ड्रामेबाजी कर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को यह भी बताना होगा कि कम्पोस्ट खाद के लिए किए गए 400 करोड़ रुपए का बज़ट प्रावधान का क्या हुआ? वह खाद कहाँ है? कम्पोस्ट खाद बनने के बाद भी प्रदेश में केमिकल फर्टिलाइज़र की इतनी बड़ी मात्रा की अतिरिक्त आवश्यकता क्यों पड़ रही है?