पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टेन अमरिंदर सिंह के साथ शुक्रवार को प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने बहुत अपमानजनक बरताव किया। उन्होंने कैप्टेन को छोड़ कर पार्टी के दूसरे नेताओं को तरजीह दी। अब तक हर जगह कैप्टेन के पांव छूते रहे सिद्धू ने उनकी अनदेखी करके मंच पर रजिंदर कौर भट्टल व लाल सिंर के पैर छुए। उन्होंने डेढ़ घंटे के कार्यक्रम में एक बार भी कैप्टेन से बात नहीं की और अपने भाषण में सरकार के कामकाज को लेकर निशाना साधा।
उन्होंने राज्य सरकार के मंत्रियों से तीन-तीन घंटे पार्टी कार्यालय में आकर बैठने को भी कहा, जिस पर आगे टकराव तय है। लेकिन वह अलग मामला है। असली सवाल यह है कि सिद्धू क्या खुद जान-बूझकर कैप्टेन का अपमान कर रहे हैं या दिल्ली से भाई-बहन की जोड़ी ने उनको ऐसा करने को कहा है?