रायपुर/29 नवंबर 2021। संसद के द्वारा कृषि कानून वापसी पर मुहर लगाने को कांग्रेस ने लोकतंत्र की विजय बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और मोदी बहुमत के अतिवादी चरित्र का प्रदर्शन करते हुये तीनों कृषि कानूनों को बनाया था। जब अध्यादेश के रूप में कृषि कानूनों को केंद्र सरकार ने देश के किसानों और प्रबुद्ध वर्ग ने इन कानूनों को खेती, किसानी के लिये घातक बताया था लेकिन मोदी सरकार ने तब देश के आवाज की अनुसुनी कर जबरिया संसद में विधेयक लाकर कानून बनाया था। लोकसभा में मार्शलों के माध्यम से विपक्षी सांसदों को सदन से बाहर निकलवाया गया था। राज्यसभा में बहुमत न होते हुये भी सत्तारूढ़ दल भाजपा ने बिना बहस कराये, बिना मत विभाजन करवाये ध्वनिमत से विधेयक को पारित करवाया था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि लोकसभा में जब कृषि कानूनों को प्रस्तुत किया था तभी कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था यह कानून देश के किसानों के खिलाफ है। मोदी सरकार यह कानून लाकर देश की खेती, किसानी को तबाह करना चाह रही है। एक दिन सरकार को यह कानून वापस लेना पड़ेगा। अंततः राहुल गांधी की बात सच साबित हुई और मोदी सरकार को तीनों कानूनों को संसद में रद्द करवाना पड़ा। तीन काले कृषि कानून के खिलाफ कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष एक साल से अटूट लड़ाई लड़ी जिसका ही परिणाम है कि अन्नदाता के ऊपर अत्याचार करने की सोच रखने वाली अत्याचारी सरकार को अपने गलत फैसलों को वापस लेने का निर्णय करना पड़ा है, ये अन्नदाताओं की जीत है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार यदि जनभावनाओं का कद्र कर इन कानूनों को नहीं बनाती तथा अध्यादेश को रद्द कर देती तो देश के किसानों को बड़ा नुकसान नहीं झेलना पड़ता। 700 से अधिक किसानों की मौतें नहीं होती। एक साल से अधिक समय तक देश एक अवांछित आंदोलन को नहीं झेलता। मोदी सरकार हमेशा ही अदूरदर्शी निर्णय लेकर जनता को परेशान करती है। नोटबंदी, जीएसटी, कृषि कानून जैसे निर्णयों से मोदी सरकार ने देश की जनता को परेशान किया है।