कोरोना के मामले में केंद्र दलीय भेदभाव न करें
केंद्र ने मध्यप्रदेश में 5 जिनोम सिक्वेंसिंग मशीने दिया छत्तीसगढ़ को एक भी नहीं
रायपुर/05 जनवरी 2022। केंद्र की भाजपा सरकार हमेशा ही छत्तीसगढ़ के साथ अन्याय पूर्ण एवं सौतेला व्यवहार करती रही है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि कोरोना के मामले में भी मोदी सरकार दलीय आधार पर भेदभाव कर रही। जिनोम सिक्वेंसिंग लैब प्रदान करने में भी मोदी सरकार छत्तीसगढ़ से पक्षपात कर रही है। राज्य में कोरोना के केस बढ़ रहे लेकिन अभी तक राज्य में एक जिनोम सिक्वेंसिंग लेब नहीं है। केंद्र सरकार नहीं चाहती कि पिछली दो लहरों की तरह छत्तीसगढ़ इस लहर को भी मात देने में सफल हो इसीलिये राज्य को आवश्यक सुविधा देने में भेदभाव किया जा रहा है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि जिनोम सिक्वेंसिंग वह आधुनिक तकनीक है जिसके द्वारा कोरोना वायरस के नए वेरिएंट का पता लगाया जाता है जिससे उपचार में सहायता मिलती है। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा पाँच जीनोम सीक्वेंसिंग टेस्ट मशीन मध्यप्रदेश भेजी गई हैं मगर अब तक छत्तीसगढ़ को एक मशीन भी देना केंद्र सरकार ने उचित नहीं समझा है। केंद्र सरकार पहली बार ऐसा छत्तीसगढ़ के साथ नहीं कर रही है पहले भी बारदाना उपलब्ध कराने, सेंट्रल पूल में चावल लेने, वैक्सीन उपलब्ध कराने और राज्य के हक का पैसा देने में आनाकानी करती रही है। इस मामले में भी केंद्र सरकार चाहती है कि छत्तीसगढ़ में असली वैरिएंट का पता लगाने में देरी हो और उभरता हुआ छत्तीसगढ़ मॉडल बदनाम हो जाए। मोदी सरकार छत्तीसगढ़ की जनता को खतरे में डालकर भाजपा शासित राज्यों की साख बचाना चाहती है। मगर केंद्र सरकार को यह याद रखना चाहिए की केवल सुविधाएं उपलब्ध करा देने से सफलता नहीं मिलेगी। इस महामारी को मात देने के लिए नीयत, कर्मठता और प्रबंधन अधिक आवश्यक है, जो कि भाजपा शासित राज्य सरकारों के पास नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि टेस्ट के लिए राज्य के पास आधारभूत ढांचा होने के बावजूद जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए हमें अन्य राज्यों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ में प्रतिदिन 30 से 35 हजार टेस्टिंग हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार के कारण छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के लिए नए वेरिएंट को पहचानने में देरी हो रही है। राज्य सरकार द्वारा लगातार मांग किए जाने के बावजूद केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अब तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। दूसरी ओर मध्यप्रदेश को पांच मशीन एक साथ देना यही स्पष्ट करता है कि केंद्र सरकार भाजपा शासित राज्यों को तीसरी लहर के विरुद्ध अधिक सफल दिखाना चाहती है। भाजपा के नौ सांसद आखिर कब तक मोनी बाबा बने रहेंगे, न उसना के बारे में केंद्र से कहा, न बोरे के बारे में कहा जिनोम सिक्वेंसिंग लैब तो राज्य की जनता के जीवन से जुड़ा मामला है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि अब तो भाजपाई सांसद राज्य के हित में अपनी जुबान खोलकर केंद्र पर दबाव बनाये आखिर प्रदेश की जनता ने उन्हें राज्य के हितों की आवाज उठाने के लिये ही तो सांसद चुना है। क्या उनकी सांसदी केवल वेतन भत्ते और शासकीय सुविधा के उपभोग तक सीमित है।