रमन सिंह सही में छत्तीसगढ़िया कुलपति के पक्षधर है तो राज्य के बाहर के लोगो की नियुक्ति का विरोध क्यो नही करते -कांग्रेस

रमन सिंह जान ले राज्य के निर्माता अटल के साथ दिग्विजय सिंह भी है

रायपुर 20 /2/22/ पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा कुलपति चयन के संदर्भ में दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ल ने कहा की स्थानीय प्रतिभाओं की उपेक्षा के भाजपाई षड्यंत्र का खुलासा हो गया है ।भाजपा के खिलाफ बन रहे माहौल से घबरा कर भले रमन सिंह स्थानीय कुलपति नियुक्ति की बात कर रहे लेकिन उनके बयान के किंतु परन्तु से साफ हो रहा कि संघी विचार धारा के व्यक्तियों को कुलपति बनवाने के लिए पूरी भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा के षड्यंत्र में शामिल है । भाजपा के लिए दलीय वैचारिक प्रतिबद्धता राज्य के स्थानीय निवासियों के हितों से ऊपर हो गयी है।
कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्यसभा सांसद केटीएस तुलसी के चुनाव का हवाला दे कर रमन सिंह कुलपतियों की नियुक्ति में स्थानीय की उपेक्षा को सही साबित करने की कुचेष्टा कर रहे है ।कुलपति चयन को राजनैतिक्र चयन से जोड़ना उचित नही है ।नरेंद्र मोदी गुजरात से बनारस चुनाव लड़ने पहुच गए ।स्मृति ईरानी अमेठी चुनाव लड़ने गयी यह भाजपा की राजनैतिक रणनीति है वैसे ही केटीएस तुलसी को राज्य सभा भेजना कांग्रेस की राजनैतिक रणनीति है ।इसका मतलब यह नही की राज्य की स्थानीय अकादमिक प्रतिभाओं को दरकिनार कर कुलपति जैसे पदों पर भी अपनी विचारधारा के लोगो को उपकृत करने राज्य के बाहर से आयातित कर नियुक्तियां की जाय।
कांग्रेस संचार प्रमुख ने कहा कि भाजपा छत्तीसगढ़ राज्य गठन का श्रेय लेने की जबरिया दावा करना बन्द करे ।छत्तीसगढ़ राज्य के गठन में भाजपा से ज्यादा योगदान कांग्रेस का है ।राज्य निर्माण का सपना कांग्रेस के नेताओ ने देखा था और अविभाजित मध्यप्रदेश में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार ने विधानसभा में छत्तीसगढ़ राज्य के गठन का प्रस्ताव पारित करवा कर केंद्र को भेजा था तब छत्तीसगढ़ राज्य बना ।राज्य के निर्माता अटल ही नही दिग्विजय सिंह भी है ।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ,रविन्द्र चौबे सत्यनारायण शर्मा धनेंद्र साहू मोअकबर प्रेमसाय सिंह जैसे नेताओ ने मध्यप्रदेश की विधानसभा में प्रस्ताव को पारित करवाया था।भाजपा राज्य निर्माण की झूठी वाहवाही लेना बंद करे ।

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