महिला की शक्ति को सरकार कम न आंकें, महिलाओं के दम पर ही इतिहास बनता और बदलता है : सरोज पाण्डेय

छत्तीसगढ़ महतारी की बेटी-बहन की चिंता नहीं है प्रदेश सरकार को : लता उसेण्डी

मातृशक्ति की अस्मिता के लिए हमारा स्वाभिमान संग्राम जारी रहेगा : शालिनी राजपूत

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा द्वारा आयोजित प्रदेश व्यापी मातृशक्ति स्वाभिमान मार्च के अंतर्गत पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन का आयोजन हुआ। धरना को संबोधित करते हुए राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय ने कहा कि प्रदेश में बेटियां इतनी असुरक्षित हैं कि अब सुरक्षा की मांग को लेकर हम बेटियों को प्रदर्शन के लिए एकजुट होना पड़ रहा है। पूरे प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा को लेकर परिस्थितियां एक जैसी हैं। प्रदेश की असंवेदनशील सरकार को कहीं भी कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि जब भी मातृशक्ति एकजुटता के साथ एकत्र होती है तो न्याय जरूर होता है। सांसद सुश्री पाण्डेय ने कहा कि इस अत्याचारी सरकार को जवाब देने का सही वक्त आ गया है।
पूर्व मंत्री व महिला मोर्चा की प्रदेश प्रभारी सुश्री लता उसेण्डी ने कहा कि प्रदेश की सरकार केवल सत्ता के आनंद में डूबी हुई है उसे बेटियों की रक्षा की कोई चिंता नहीं है। सरकार के कुछ मंत्री तो ऐसे है जिन्हें अनाचार जैसी घटना छोटी लगती है तो इस सरकार से क्या उम्मीद की जा सकती है? उन्होंने कहा कि शराबबंदी के नाम पर सत्ता में आयी कांग्रेस शराबबंदी करने के बजाय अवैध शराब के कारोबार में संलग्न है जिसके कारण आपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्होंने कहा कि बेटियों की सुरक्षा व शराबबंदी को लेकर राहुल गांधी को जवाब देना चाहिए।
पूर्व मंत्री रमशीला साहू ने कहा कि प्रदेश में नारी उत्पीड़न के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, इस पर अंकुश लगाने में प्रदेश की कांग्रेस सरकार नाकाम है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार को यदि महिलाओं की सुरक्षा की चिंता होती तो महिला सुरक्षा पर ठोस पहल होते लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा है।
महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शालिनी राजपूत ने कहा कि पूरे प्रदेश में आयोजित महिला शक्ति स्वाभिमान मार्च को व्यापक समर्थन मिल रहा है। प्रदेश के प्रत्येक जिले में भी आज का आयोजन सफल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार महिला उत्पीड़न की मामलों की उचित जांच नहीं करती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि मातृशक्ति की अस्मिता के लिए हम सब एकजुटता के साथ कार्य करेंगे। रायपुर बुढ़ा तालाब धरना स्थल पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में रायपुर शहर के साथ रायपुर ग्रामीण, दुर्ग भिलाई की महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने शिरकत की।
बाद में पैदल मार्च कर रहीं महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने बल प्रयोग कर रोकने की कोशिश की।
सभा स्थल में रायपुर सांसद सुनील सोनी, पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल, विधायक शिवरतन शर्मा, पूर्व मंत्री रमशीला साहू, पूर्व विधायक नंदे साहू, श्रीचंद सुन्दरानी, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष मीनल चैबे, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष ममता साहू , महामंत्री विभा अवस्थी, मंत्री शैलेन्द्री परगनिया, मंत्री संगीता शर्मा, प्रभा दुबे, चन्नी वर्मा जी, शताब्दी पाण्डेय, हेमलता चन्द्राकर, चंद्रिका चंद्राकर, चंद्रकांती वर्मा, बिरगांव महापौर अंबिका यदु, चरौदा महापौर चन्द्रकांता माण्डले, सीमा साहू सोना वर्मा, रिंकी अग्रवाल, सरिता मिश्रा, बिन्दु माहेश्वरी, किरण बघेल, कृतिका जैन, आशा दुबे, बिशुन साय कोरबा, कोरबा जिला मंत्री रेणुका राठिया, कोरबा जिले महामंत्री टिकेश्वर राठिया, जेठी बाई, अन्नपूर्णा राठिया, कमलेश शर्मा, टेसु साहू, सुशीला धीवर, विश्वदिनी पाण्डेय, गोदावरी साहू, कामिनी देवांगन, सुमन प्रजापति, मधु चंद्रवंशी, सरिता दुबे, सीमा कंदोई, सावित्री साहू, सरिता वर्मा सहित महिला मोर्चा की कार्यकर्ता व पार्टी पदाधिकारी मौजूद थीं।
राज्यपाल को दिया ज्ञापन: भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकताओं ने न्याय की मांग को लेकर बुढ़ातालाब स्थित धरना स्थल से राजभवन तक पैदल मार्च कर पहुंचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंप प्रदेश में बेटियों की सुरक्षा के लिए उचित कार्रवाई की मांग की है। इस दौरान राज्यसभा सांसद सुश्री सरोज पाण्डेय, रमशीला साहू, लता उसेंडी, शालिनी राजपूत, विभा अवस्थी, ममता साहू, संगीता शर्मा, कृतिका जैन, आशा दुबे, सीमा साहू, नीतू सोनी, चंद्रिका चंद्राकर, प्रभा दुबे, कोरवा समाज से जिला मंत्री भाजपा कोरबा जिला रेणुका राठिया, टिकेश्वर राठिया मौजूद रहे।

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भाजपा महिला मोर्चा के नारी शक्ति स्वाभिमान मार्च के दौरान कोरबा जिले के लेमरू पंचायत के ग्राम बरपाली में एक ही कोरवा आदिवासी परिवार के तीन लोगों की नृशंस हत्या के पीड़ित परिवार की एकमात्र महिला (मृतका की मां और मृतक आदिवासी की पत्नी) भी मंच पर पहुंची। विदित रहे, हाल ही इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार पर काफी दबाव बना था। इस मामले में कोरवा आदिवासी परिवार की एक नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इससे पहले मृतका के पिता की हत्या कर दी गई थी जबकि एक मासूम बच्ची को दुष्कर्म पीड़िता की हत्या के बाद नृशंसतापूर्वक मारा गया था। इस मामले में परिवार की एकमात्र महिला (मृतका की मां) जीवित बची है।

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