महासंमुद 14 जुलाई 2022 : राज्य सरकार प्रदेश के विकास और जनता के आर्थिक व सामाजिक उत्थान के लिए कई योजनाऐं संचालित कर रही है। इस वर्ष के गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना की एक और कड़ी जुडी। श्रमिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के श्रमिक परिवारों की बेटियों के लिए शुरू की गयी इस योजनान्तर्गत महासंमुद जिले में इस योजना के तहत पंजीकृत 356 हितग्राहियों की पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रूपए के हिसाब से कुल राशि रूपए 71 लाख 20 हजार का भुगतान एक मुश्त किया गया है।
महासमुंद गुड़रूपारा निवासी हितग्राही श्रीमती छगन बाई की बिटिया कु. नेहा व ग्राम बेमचा निवासी श्रीमती भारती निर्मलकर की पुत्री कु. भूमिका ने बताया कि इस योजना की राशि उनके बैंक खाते में आ गयी है। उन्होंने यह राशि उपनी आगे कॉलेज की पढ़ाई के लिए सहेज कर रखी है। दोनों बेटियों ने हाई स्कूल पास किया है। इस राशि का उपयोग वे अपने आगे की कॉलेज की पढ़ाई पर खर्च करंेगे। शासन की इस योजना से उनका परिवार बहुत खुश है। वहीं लिमदरहा निवासी श्री भरतलाल ने भी जानकारी दी कि उनकी पुत्री योगेश्वरी के बैंक खातें में 20 हजार रुपए की राशि प्राप्त हो गयी है। उनकी पुत्री पिरदा कॉलेज में पढ़ाई कर रही है। यह राशि पाकर वह भी काफी प्रसन्न है। उन्होंने राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।
जिला श्रम अधिकारी श्री डी.के. राजपूत ने बताया कि महासमुंद जिले में सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में 1 लाख 20 हजार श्रमिक पंजीकृत है। मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत अब तक 356 पात्र हितग्राहियों की पुत्रियों के लिए 20-20 हजार रुपए की राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली गई है। इस योजना के कारण श्रमिकों की बेटियां अब सशक्त एवं आत्मनिर्भर भी बन रही।
यह योजना लाभार्थियों को आर्थिक सहायता के साथ-साथ सामाजिक सहायता भी प्रदान कर रही है। श्रमिक परिवारों की बेटियों को शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार के साथ ही उनके विवाह में यह राशि मजबूत सहायता प्रदान कर रही है। इस योजना में छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल में पंजीकृत श्रमिक ही पात्र है। पात्रधारियों को योजना का लाभ लेने के लिए मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना की अधिकारिक वेबसाइट cglabour.nic.in पर ऑन लाइन पंजीयन करना होगा।
योजना का उद्ेश्य है कि श्रमिक/मजदूर परिवार आर्थिक और सामाजिक रूप से काफी कमजोर होता है। इस कारण इस परिवार के बच्चों खास तौर पर बेटियों को अपनी पढ़ाई-लिखाई बीच में ही छोड़ देनी पड़ती है। इसलिए वे पढ़ाई से दूर हो जाती है। इस कारण उनके आर्थिक व सामाजिक रूप से शोषण की संभावना बनी रहती है। श्रमिक परिवार की बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से तथा उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना के तहत पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में डाली जाती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस वर्ष गणतंत्र दिवस पर जनता के नाम संदेश में मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना की घोषणा की थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य श्रमिक परिवार की बेटियों को शिक्षा, रोजगार, विवाह आदि में आर्थिक सहायता प्रदान कर सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। इस योजना में श्रमिक/मजदूर परिवार बेटी जिसकी उम्र न्यूनतम 18 वर्ष और 21 वर्ष से अधिक न हो तथा वह अविवाहित हो उन्हें 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती।