गारो जनजाति के पुरुष परंपरागत वस्त्र कांथा एवं स्त्रियां रेफल वस्त्र पहनती हैं यह खास आकर्षण
रायपुर,02 नवंबर 2022/राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में मेघालय राज्य की गारो जनजातियों का सुंदर वांगला नृत्य भी देखने को मिला। इस नृत्य में स्त्रियां रेफल वस्त्र पहनती हैं और पुरुष कांथा वस्त्र पहनते हैं। गारो जनजाति का यह नाटक परंपरागत प्रकृति पूजन पर आधारित है और अक्टूबर नवंबर माह में किया जाता है। वांगला नृत्य की विशेषता यह है कि यह डाना वाद्य यंत्र के साथ किया जाता है। डाना वाद्य यंत्र अपनी सुमधुर ध्वनियों में जैसे जैसे आगे बढ़ता है। वांगला नृत्य के कलाकारों की थिरकन भी बढ़ जाती है। गारो जनजाति का यह नृत्य ईश्वर को धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए किया जाता है। लोककलाकार अपने नृत्य के माध्यम से प्रकृति और ईश्वर के प्रति अपने प्रेम को अभिव्यक्त करते हैं। यह नृत्य खास तौर पर गारो जनजाति की सजावट और वस्त्र विन्यास के उनके खास तरीके को जानने के लिए भी बढ़िया माध्यम है।