नासिक 05 अक्टूबर 2024
केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नासिक दौरे के दौरान मुख्य लोको निरीक्षकों से सुरक्षित रेल परिचालन, टेक्नोलॉजी के अपग्रेडेशन, लोको पायलटो के विश्राम,नियमित प्रशिक्षण जैसे मुद्दों पर विस्तार से बातचीत की और लोको निरीक्षकों से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त किये। नासिक स्थित भारतीय रेलवे विद्युत इंजीनियरिंग संस्थान (आईआरईईएन) में प्रशिक्षण ले रहे चीफ लोको इंस्पेक्टर्स के साथ रेल मंत्री ने भारतीय रेलवे पर लोकोमोटिव संचालन के आधुनिकीकरण और सुरक्षा उपायों को बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
रेल मंत्री वैष्णव ने सामान्य रूप से अपने प्रशिक्षण अनुभवों और विशेष रूप से ‘कवच’ के उपयोग के बारे में सीएलआई से बातचीत की। सीएलआई ने इस बारे में अपनी अंतर्दृष्टि साझा की कि कैसे कवच प्रणाली गति बनाए रखने और ट्रेन संचालन के दौरान सुरक्षा और समय की पाबंदी दोनों में सुधार करने में उनका आत्मविश्वास बढ़ाती है।
चर्चाओं में आधुनिक ब्रेकिंग सिस्टम, लोकोमोटिव में नई तकनीक और प्रभावी चालक दल प्रबंधन प्रथाओं पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। भोपाल डिवीजन के सीएलआई एस के राठी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि “जैसे इंटरलॉकिंग स्टेशन मास्टर के लिए, पीएससी स्लीपर ट्रैक ट्रैकमैन की मदद करता है, वैसे ही कवच तकनीक लोको पायलटों को सुरक्षित ट्रेन संचालन में मदद करती है।” इसी क्रम में, एक सीएलआई ने कहा कि कवच तकनीक न केवल सुरक्षित ट्रेन संचालन की ओर ले जाती है, बल्कि उन्हें और उनके परिवार को तनाव मुक्त भी रखती है। कवच एसपीएडी (सिग्नल पासिंग एट डेंजर ) घटनाओं को रोकने में मदद करता है और लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर सुरक्षा सुनिश्चित करता है, ऐसा एक अनुभव सीएलआई ने बताया।
रेल मंत्री ने चालक दल के लिए काम करने की स्थिति में सुधार करने के लिए रेलवे के प्रयासों की सराहना की, जिसमें 100% वातानुकूलित रनिंग रूम और रनिंग स्टाफ के लिए बेहतर सुविधाएँ शामिल हैं। उन्होंने ड्यूटी रोस्टर को विभाजित करके ड्यूटी के घंटों को कम करने और लोको कैब को एयर-कंडीशनिंग, शौचालय और एर्गोनोमिक सीटों से लैस करके उनकी सुरक्षा बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयासों की भी सराहना की।
रेल मंत्री ने सीएलआई से आग्रह किया कि वे शुरू की जा रही आधुनिक प्रौद्योगिकियों का पूरा लाभ उठाएं तथा भारतीय रेलवे के उच्च मानकों को बनाए रखने में निरंतर सीखने, समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्व पर बल दिया।