प्रधानमंत्री की सुरक्षा के चूक को मुद्दा बनाकर पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने षड़यंत्र रचा जा रहा है – विकास उपाध्याय

प्रधानमंत्री की सुरक्षा में किसी तरह का चूक दुर्भाग्यजनक है, इसकी निष्पक्ष जाँच हो – विकास उपाध्याय

रायपुर। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने कहा, देश के प्रधानमंत्री के काफिला का एक बॉर्डर एरिया में लगभग 15 मिनट तक रूके रहना सुरक्षा में निश्चित रूप से एक बहुत बड़ी चूक है, परन्तु भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से इसे प्रचारित कर रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आशंका व्यक्त किया है कि कहीं भाजपा का यह पंजाब में अपनी जमीन तलाशने का कोई नया षड़यंत्र तो नहीं जो इस बहाने राष्ट्रपति शासन लगाकर अपनी पार्टी की कमजोरियों को जनता पर थोपना चाहती है।

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा पर चूक को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अपनी कमजोर जनाधार के चलते इस बहाने वहाँ राष्ट्रपति शासन लगाकर पंजाब में होने वाले चुनाव में नैय्या पार करने का सोच रही है। उन्होंने कहा, जिस तरह से इस पूरे मामले को पूरे देश में प्रचारित किया जा रहा है निश्चित तौर पर सुरक्षा में हुई चूक की वजह से ज्यादा इसे प्रचारित करने में प्रधानमंत्री मोदी सहित मंत्रीमण्डल के सदस्य रूची ले रहे हैं और कहीं न कहीं राष्ट्रपति शासन लग जाए की स्थिति निर्मित करने का प्रयास कर रहे हैं जो कि लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यजनक है।

विकास उपाध्याय ने कहा, राज्य में लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी पुलिस की होती है, परन्तु बात जब प्रधानमंत्री की होती है तो उनकी सुरक्षा में एसपीजी का रोल बहुत महत्वपूर्ण होता है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में दौर के पूर्व सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एसपीजी की टीम पहले ही संबंधित राज्य में जाती है। स्थानीय खुफिया अधिकारियों से मिलती है, कहाँ क्या व्यवस्था होनी चाहिए, क्या रूट होना चाहिए, ये सारा कुछ तय एसपीजी करती है। जबकि पुलिस की भूमिका आउटर सर्किल में सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है, जबकि एसपीजी इनर सर्कल में। इसलिए भाजपा के नेताओं को जाँच रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए, जो कि वहाँ के मुख्यमंत्री करवा रहे हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा, जब भी किसी राज्य में देश के प्रधानमंत्री का दौरा होता है तो प्रधानमंत्री के काफिले के लिए कभी भी एक ही नियत मार्ग नहीं होता, बल्कि वैकल्पिक मार्ग भी होते हैं, ताकि अगर किसी एक मार्ग पर कोई अर्चन आ जाए तो वैकल्पिक मार्ग से पीएम का काफिला आगे बढ़ सके। ऐसे में यह जाँच का विषय है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में जो एसपीजी की टीम तैनात थी वह इन विकल्पों पर गंभीरता से काम किया था या फिर जानबूझकर पूरे देश में चन्नी सरकार को बदनाम करने षड़यंत्र रचा गया था। विकास उपाध्याय ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक पर कहा है, इस तरह का चूक किसी भी स्थिति में नहीं होना चाहिए। इसलिए कि इसी चूक के चलते कांग्रेस पार्टी ने इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को खो चुकी है।

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