किरंदुल (25.08.2022). वनवासी बहुल और माओवाद प्रभावित बस्तर संभाग में शिक्षा सहयोग योजना के माध्यम से वंचित समुदाय के जीवन में उजाला फैलाने के एनएमडीसी के प्रयासों को राष्ट्रीय स्तर पर रेखांकित किया गया है। ग्रीनटेक फाउंडेशन द्वारा असम के गुवाहाटी में आयोजित एक कार्यक्रम में एनएमडीसी किरंदुल को शिक्षा सहयोग योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए प्लेटिनम अवार्ड से सम्मानित किया गया। एनएमडीसी की ओर से किरंदुल परियोजना के कार्मिक और सीएसआर विभाग के प्रमुख बी.के.माधव और वित्त विभाग के वरिष्ठ प्रबंधक के.के.बेहरा ने गुवाहाटी में यह पुरस्कार प्राप्त किया। भारत सरकार की सबसे बड़ी नवरत्न खनन कंपनी एनएमडीसी अपने नैगम सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के तहत किरंदुल परियोजना के द्वारा प्रतिवर्ष बस्तर के करीब अठारह हजार छात्र-छात्राओं को शिक्षा सहयोग योजना के माध्यम से सालाना ढाई हजार रूप से लेकर 10 हजार रुपए तक की छात्रवृत्ति प्रदान करती है। एनएमडीसी के किरंदुल परियोजना द्वारा बस्तर संभाग के कक्षा नौवीं के विद्यार्थी को ढाई हजार, दसवीं के विद्यार्थी को तीन हजार, ग्यारहवीं के विद्यार्थी को साढ़े तीन हजार, बारहवीं के विद्यार्थी को 4 हजार और स्नातक के विद्यार्थी को सालाना पांच हजार रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। इंजीनियरिंग के विद्यार्थी को सालाना साढ़े सात हजार और मेडिकल के विद्यार्थी को दस हजार रुपए सालाना छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। यह योजना बस्तर संभाग के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी बालिकाओं के लिए है जबकि बस्तर संभाग के अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार के बालिकाओं को भी योजना का लाभ दिया जाता है। गुवाहाटी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएमडीसी किरंदुल परियोजना के कार्मिक और सीएसआर विभाग के प्रमुख बी.के.माधव ने कहा कि एनएमडीसी के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और अन्य निदेशकों के मार्गदर्शन में किरंदुल परियोजना बस्तर संभाग के लोगों के सर्वाधिक विकास के लिए हर संभव सहयोग करती है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति और समाज के विकास के लिए शिक्षा का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है लिहाजा एनएमडीसी बस्तर संभाग में शिक्षा के माध्यम से व्यक्ति के विकास की हर संभव कोशिश करती रही है और आगे भी करती रहेगी। श्री माधव ने कहा कि एनएमडीसी बस्तर संभाग में शिक्षा के लिए प्राथमिक स्तर से जरूरी आधारभूत संरचनाओं के निर्माण से लेकर उच्च और तकनीकी शिक्षा की उपलब्धता के लिए भी अपना योगदान देती रही है जिसके उदाहरण बस्तर के चर्चित एजुकेशन सिटी, मेडिकल कॉलेज,पॉलिटेक्निक कॉलेज,आस्था गुरुकुल, छू लो आसमान योजना और अन्य शैक्षणिक संस्थान है।