कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की नकल करने वाले बताये कांग्रेस की यात्रा का सुरक्षा क्यों हटाया गया था?
रायपुर/ 11 सितंबर 2023। भाजपा परिवर्तन यात्रा निकालने जा रही। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि इस यात्रा का नाम कांग्रेस के इस परिवर्तन यात्रा की नकल है जो 2013 में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल के नेतृत्व निकाली थी। जिस यात्रा को भाजपा की रमन सरकार ने सुरक्षा नहीं दिया था और उस यात्रा पर नक्सल हमला हुआ था। जिसमें नंदकुमार पटेल, विद्याचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा, उदय मुदलियार सहित 31 लोग शहीद हुये थे। कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा की नकल करके यात्रा निकालने वाले भाजपाईयों के दामन पर झीरम के शहीदों के खून के छींटे लगे है।
रमन सिंह के मुख्यमंत्री रहते हुये झीरम का कू्रर नरसंहार हुआ था जिसमें कांग्रेस के बड़े नेताओं की पूरी पीढ़ी की हत्या कर दी गयी थी। प्रदेश की जनता जानना चाहती है। बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्रों में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को रमन सिंह ने क्यो हटवाया था? परिवर्तन यात्रा के ठीक एक हप्ता पहले रमन सिंह स्वयं विकास यात्रा लेकर बस्तर गये थे उनकी विकास यात्रा में पूरी सुरक्षा दी गयी थी। नंदकुमार पटेल, विधाचरण शुक्ल, महेन्द्र कर्मा जैसे नेताओं की उपस्थिति वाली कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को पूरी तरह हटा लिया गया था? रमन सिंह बताये उन्होंने किस उद्देश्य से कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा की सुरक्षा को हटाया था?
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को भाजपा से कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के संबंध में इन सवालों का जवाब चाहिये-
- 20 मई 2013 को पुलिस विभाग को सूचित किया गया था कि 25 मई 2013 को परिवर्तन यात्रा जगदलपुर से सुकमा जायेगी। परंतु जेड प्लस सुरक्षा वाले नेताओं के होने पर भी पर्याप्त बल क्यों नही लगाया गया?
- महेंद्र कर्मा जी नक्सलियों के हिटलिस्ट में थे। उनके हत्या की साजिश की योजना पीसीओसी ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। जिसकी गुप्त सूचना 10 अप्रैल 2013 को इंटिलिजेंस के पास आ गयी थी। इस सूचना दंतेवाड़ा और बीजापुर एसपी को भेज दिया गया था। परंतु ऐसी क्या वजह थी। कि इस सूचना को बस्तर और सुकमा के एसपी को नहीं भेजी गयी थी। जबकि झीरम घाटी इन दोनो के बीच में है?
- महेंद्र कर्मा जी सलवा जुडूम के कारण नक्सलियों के हिट लिस्ट में थे। 08 नवंबर 2012 को कर्मा जी पर नक्सली हमला करने पर कामयाब रहे। उन्हे केवल जेड सुरक्षा ही प्रदान की गयी थी। उनको जेड प्लस या एनएसजी के कमांडो क्यों उपलब्ध नही कराये गये थे ?
- 21 अप्रैल 2012 को 4.30 बजे सुकमा कलेक्टर एलेक्स पाल मेनन को नक्सिलयों द्वारा किडनैप कर लिया था। उनकों छुड़वाने के लिए सरकार की नक्सलियों से क्या बात हुई और क्या डील हुई थी ये आज तक छत्तीसगढ़ की जनता को नहीं बताया गया है। क्या कहीं ऐसा तो नहीं कि कोई गुप्त समझौता छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलियों से किया था ?
- 29 जुलाई 2011 गरियाबंद में किसान सभा से लौटते हुए नंदकुमार पटेल व कांग्रेस नेता और कार्यकताओं पर नक्सली हमला हुआ था। उनकी गाड़ियों को ब्लास्ट किया गया था। जबकि वो पूर्व में मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री रह चुके थे। उसके बावजूद भी उनकों जेड प्लस सुरक्षा क्यों नही दी गयी थी ?
- नंदकुमार पटेल के घर पर परिवर्तन यात्रा के पहले पुलिस अधिकारी मुकेश गुप्ता और आर के विज आये थे और कहा हम आपको पूरी सुरक्षा देंगे। आप निश्चित होके जाइये तो फिर उनको पूरी सुरक्षा प्रदान क्यो नही की गयी ?
- जून 2012 को सारकेगुड़ा नरसंहार घोर नक्सली क्षैत्र में हुआ था तो सभी बड़े पुलिस अधिकारी नेताओं के साथ गये थे। परंतु परिवर्तन यात्रा जब झीरम से गुजर रही थी तो कोई भी बड़ा पुलिस अधिकारी साथ क्यों नही था। जबकि सभी को पता था कि सभी बड़े नेता साथ जा रहे है तो पर्याप्त सुरक्षा वयव्सथा क्यो नही कराई गयी?
- तारमेटला, मदनवाड़ा, रानीबोदली ऐसी बहुत सी वारदात नक्सलियों द्वारा किया गया था। जब गरियाबंद में भी आईडी ब्लास्ट कर नंदकुमार पटेल के काफिले मे चल रही गाड़ी को उड़ाया गया। काफिले के साथ रोड ओपनिंग की गाड़ी हमेशा साथ चलती है। परंतु झीरम वाले दिन क्यो रोड ओपनिंग करने वाला नहीं था ?
- विकास यात्रा में एक हजार से ज्यादा जवान थे। परंतु परिवर्तन यात्रा को वैसी सुरक्षा क्यो नही प्रदान की गयी। उनकों साफट टारगेट के रूप में छोड़ दिया गया था। 45 किलोमीटर के सफर मे केवल-केवल 125 जवान तैनात थे। उसमे भी जहां पर कार्यक्रम था वहां पर से केवल 29 जवान ही परिवर्तन यात्रा के साथ क्यों चल रहे थे ?
- यूनिफाईट कमांड में चालीस हजार जवान थे जिसके प्रमुख भूतपूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह थे। विकास यात्रा के पहले तो एसपी और कलेक्टर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रेस कांफ्रेस करके सारी चीजे बताया करते थे और यात्रा के साथ-साथ रहते थे। परिवर्तन यात्रा की कोई सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा क्यो नही की गई?
- 16 मई 2013 में 40 हजार सशस्त्र बल 20 से 25 हजार छत्तीसगढ़ के सुरक्षा बल बस्तर में तैनात थे। परंतु परिवर्तन यात्रा में केवल 125 का बल देना कही ना कही शक व साजिश को जन्म देता है।
- 25 मई 2013 को झीरम घाटी की दुखद घटना करीब 4.15 बजे हो गयी थी। लेकिन दरभा थाना व तोंगपाल पुलिस थाना से सशस्त्र बल के टुकड़ियों को तुरंत नही भेजना कई घायल नेता को अगर समय पे चिकित्सा व्यवस्था मिल जाती तो कईयों की जान भी बच सकती थी। परंतु चिकित्सा व्यवस्था समय पर नही करना साजिश को जन्म देता है ?
- नक्सलियों द्वारा लोगो से पूछ-पूछ कर कि नंदकुमार पटेल और दिनेश पटेल कौन है और फिर उनकी हत्या कर उनका लैपटाप और मोबाईल ले जाना सिर्फ और सिर्फ नक्सली हमला प्रतीत नही होता अगर यह नक्सली हमला होता तो सभी के लिए होता लेकिन सिर्फ नंदकुमार पटेल और उनके पुत्र दिनेश पटेल कांग्रेस को जमीनी स्तर पर बहुत ही मजबूत कर रहे थे। जिससे छत्तीसगढ़ सरकार मे बैठे कुछ लोगो को यह डर था कि अगर ये लोग छत्तीसगढ़ मे सत्ता मे आ गये तो हमारे बहुत से भ्रष्टाचार को उजागर कर देंगे। झीरम घाटी जाने के पहले दिनेश पटेल ने कुछ बड़े नेताओं को कहा था कि मै वहां से लौटकर प्रेस कांफ्रेस करूंगा जिससे सत्ता में बैठे लोगो को इस्तीफा देना पड़ जायेगा।
- भाजपा के पूर्व नेता वीरेन्द्र पांडे जी ने कहा था कि एक आईपीएस ने कहा था कि झीरम घाटी की डील 60 करोड़ में हुई है। इस खबर को दिल्ली के अखबारों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। परंतु आज तक इसकी जांच क्यो नही की गयी?
- रमन सिंह जी ने न्यूज 18 में दिये इंटरव्यू मे कहा था कि झीरम घाटी वाला बहुत संवेदनशील है। 100 जवान भी साथ हो तो अटैक हो सकता है तो परिवर्तन यात्रा में शामिल कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता और कार्यकर्ताओं को क्या नक्सलियों के बीच साफट टारगेट बनने के लिए केवल और केवल 29 जवानों के साथ छोड़ दिया गया था। दो दिन पूर्व रमन सिंह जी के विकास यात्रा में 1000 हजार जवान पूरा प्रशासनिक अमला एसपी, कलेक्टर सब साथ परंतु परिवर्तन यात्रा में एसपी का ना होना भी शंका को जन्म देता है?
भाजपा अपनी तथा कथित परिवर्तन यात्रा के पहले छत्तीसगढ़ की जनता को झीरम नरसंहार से जुड़े इन सवालों का जवाब दे।