रायपुर/बिलासपुर : 12 सितंबर 2023
रेल मंत्रालय के महत्वाकांक्षी परियोजना के अंतर्गत यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधा प्रदान करने हेतु “अमृत भारत स्टेशन” योजना के अंतर्गत स्टेशनों के कायाकल्प की तैयारी चल रही है । अगस्त 2023 में माननीय प्रधान मंत्री जी के द्वारा देश के 1200 स्टेशनों पुनर्विकास के कार्य का शिलान्यास किया गया, जिसमे दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के 9 स्टेशन शामिल थे, इसमे रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, अकलतरा, तिलदा नेवरा, भिलाई पावर हाउस, गोंदिया, वडसा, चांदाफोर्ट स्टेशन शामिल थे ।
रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का लक्ष्य रेल यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं और बेहतर यात्रा अनुभव प्रदान करना है । इसके अंतर्गत स्टेशन पर उन्नत व आधुनिक सुविधाओं से युक्त वेटिंग हॉल का प्रावधान किया जाएगा । यात्रियों को दी जाने वाली जरूरी सुविधाओं में खान-पान, पीने का पानी, एटीएम, इंटरनेट, वॉशरूम, कवर शेड, स्टैंडर्ड साइनेज आदि शामिल होंगे । इन स्टेशनों को विश्वस्तरीय रूप देते हुए ग्रीन स्टेशन का रूप दिया जाएगा, जहां प्राकृतिक रौशनी और वेंटिलेशन का प्रावधान होगा । स्टेशन पर वरिष्ठ नागरिक एवं दिव्याङ्ग जन के अनुकूल सुविधाएं होंगी । स्थानीय कला और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए स्टेशन के डिजाइन तथा स्वरूप का उन्नयन किया जाएगा । स्टेशन परिसरों को मनमोहक स्वरूप दिया जाएगा । रेलवे स्टेशन सिटी के दोनों तरफ जुड़कर सिटी सेंटर की तरह विकसित किए जायेंगे । इस रेलवे के 49 रेलवे स्टेशनों का उन्नयन 1868 करोड़ रुपए की लागत से किए जाएँगे ।
पुनर्विकास के बाद बिलासपुर , रायपुर और दुर्ग स्टेशन हाईटेक यात्री सुविधाओं के साथ टेक्नोलॉजी, स्थानीय संस्कृति और समृद्ध विरासत का आकर्षक केंद्र बनेंगे . यात्रियों की संख्या बढ़ने के साथ-साथ रोजगार बढ़ने की व्यापक संभावना विकसित होगी जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा ।
स्टेशनों पर किए जा रहे मेजर रिडेवलपमेंट कार्य
बिलासपुर स्टेशन में प्रस्तावित पुनर्विकास कार्यों के अंतर्गत बिलासपुर स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ से शहर में समस्त सुविधाओं के साथ व्यापक एंट्री का प्रावधान, प्रस्तावित स्टेशन बिल्डिंग में हेरिटेज महत्व के साथ साथ स्थानीय कला और संस्कृति का समावेश, 26 लिफ्ट एवं 26 एस्कलेटर का प्रावधान, वृहद कार पार्किंग की सुविधा, पूर्ण ग्रीन बिल्डिंग, विशाल कान्कोर्स, विशाल छत आवरण, 3 नए बड़े फूट ओवर ब्रिज, कान्कोर्स – रीटेल एरिया, कान्कोर्स – कमर्शियल एरिया एवं स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल, रेनहार्वेस्टिंग का प्रावधान किया जाएगा ।
रायपुर स्टेशन में प्रस्तावित पुनर्विकास कार्यों के अंतर्गत रायपुर स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ से शहर में समस्त सुविधाओं के साथ व्यापक एंट्री का प्रावधान, प्रस्तावित स्टेशन बिल्डिंग में हेरिटेज महत्व के साथ साथ स्थानीय कला और संस्कृति का समावेश, भविष्य की संभावित मेट्रो परियोजना तथा बस स्टेशन के लिए एकीकृत मल्टी मॉडल समन्वय, पूर्ण ग्रीन बिल्डिंग, 42 लिफ्ट एवं 21 एस्कलेटर का प्रावधान, विशाल कान्कोर्स, विशाल छत आवरण, 4 नए बड़े फूट ओवर ब्रिज, स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल, रेनहार्वेस्टिंग , सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट , दिव्याङ्ग फ्रेंडली सुविधाएं एवं वृहद कार पार्किंग का प्रावधान किया जाएगा ।
दुर्ग स्टेशन में प्रस्तावित पुनर्विकास कार्यों के अंतर्गत दुर्ग स्टेशन बिल्डिंग के दोनों तरफ से शहर में समस्त सुविधाओं के साथ व्यापक एंट्री का प्रावधान, प्रस्तावित स्टेशन बिल्डिंग में हेरिटेज महत्व के साथ साथ स्थानीय कला और संस्कृति का समावेश, 45 लिफ्ट एवं 21 एस्कलेटर का प्रावधान, वृहद कार पार्किंग की सुविधा, पूर्ण ग्रीन बिल्डिंग, विशाल कान्कोर्स, विशाल छत आवरण, 4 नए बड़े फूट ओवर ब्रिज, कान्कोर्स – रीटेल एरिया, कान्कोर्स – कमर्शियल एरिया, स्टेशन की छतों पर सोलर पैनल, रेनहार्वेस्टिंग का प्रावधान किया जाएगा ।
इनके अतिरिक्त अकलतरा स्टेशन पर 13.7 करोड़ की लागत से, तिल्दा-नेवरा स्टेशन पर 13.8 करोड़ की लागत से, भिलाई पावर हाउस स्टेशन पर 26.2 करोड़ की लागत से, गोंदिया स्टेशन पर 31 करोड़ की लागत से वडसा स्टेशन पर 18.44 करोड़ की लागत से एवं चांदा फोर्ट स्टेशन पर 16.5 करोड़ की लागत से यात्री सुविधाओं के व्यापक पुनर्विकास कार्य की विशेषताओं में निम्नलिखित बिन्दुओं को शामिल किया जाएगा । इन पुनर्विकास कार्यों में आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त फुटओवर ब्रिज का प्रावधान, लिफ्ट एवं एस्कलेटर का प्रावधान, सर्कुलटिंग एरिया का उन्नयन, वेटिंग हाल और टायलेट्स का उन्नयन, स्टेशन लाईटिंग में सुधार, साइनेज, ट्रेन एवं कोच इंडिकेटर बोर्ड्स की सुविधा /उन्नयन, पार्किंग एरिया में वृद्धि एवं प्लैटफ़ार्म एरिया का विस्तार / शेड द्वारा कवरिंग के कार्य किए जाएंगे ।
यात्री सुविधा, सुरक्षा तथा संरक्षा के साथ ट्रेन परिचालन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की पहली प्राथमिकता है । अमृत भारत स्टेशन स्कीम के अंतर्गत स्टेशनों का पुनर्विकास इसी प्राथमिकता की महत्वपूर्ण कड़ी है । यात्रियों की मांग तथा आकांक्षा के दृष्टिगत भारतीय रेल निरंतर ही बेहतर यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रयत्नशील रही है । विकास के इस कार्य के साथ साथ रेल के अवसंरचना विकास का कार्य भी तीव्र गति से प्रगति पर है । बिलासपुर-झारसुगुड़ा चौथी लाइन, राजनांदगांव- नागपुर तीसरी लाइन, अनुपपुर-कटनी तीसरी लाइन के साथ ताड़ोकी-रावघाट नई रेल लाइन का कार्य किया जा रहा है । सुदूर एवं रेल संपर्क से विहीन कांकेर जिला का यह भाग जल्दी ही रेल मानचित्र पर अपनी पहचान स्पष्ट करेगा । इसी प्रकार अत्याधुनिक ऑटोमेटिक सिग्नलिंग सिस्टम का प्रावधान भी दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में किया जा रहा है, जिसमें अभी तक 362 किलोमीटर का कार्य पूर्ण हो चुका है ।
यात्री सुविधाओं एवं बढ़ते यातायात मांग के लिए इन विकास कार्यों का होना अत्यंत आवश्यक है जिसमें बहुत ही कम समय के लिए न्यूनतम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होता है । विगत तीन वर्षों में इन विकास कार्यों के दौरान एक प्रतिशत से भी कम ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है, जबकि इन वर्षों में यात्री सुविधाओं में काफी विकास कार्य किए गए । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे यात्री सुविधा एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध है तथा भविष्य में भी उन्नत और आधुनिक यात्री सुविधा के कार्य जारी रहेंगे, जिसका एक महत्वपूर्ण प्रतीक स्टेशनों के पुनर्विकास के कार्य हैं ।