बलौदा बाजार – शासन द्वारा 01 जुलाई से रोका छेका अभियान प्रारंभ किया जाना है परंतु इससे पूर्व ही खेतों में बोनी प्रारंभ होते ही नगर का इकलौता मुख्य मार्ग मवेशियों का अस्थायी ठिकाना बन चुका है। नगर के इकलौते मुख्य मार्ग में इन दिनों सैकड़ो मवेशी जमा हो रहे हैं जिससे एक ओर जहां नगर का यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो रहा है वहीं दूसरी ओर दुर्घटना की आशंका भी बढ़ गयी है। शासन के रोका छेका अभियान का हाल जिला मुख्यालय के मुख्य मार्ग में ही मवेशियों की भीड़ देखकर समझा जा सकता है।
विदित हो कि कृषि कार्यों की वजह से बरसात होते ही खेतों में फसल का कार्य प्रारंभ हो जाता है जिसकी वजह से नगर के इकलौता मुख्य मार्ग समेत जिले के अन्य मुख्य मार्ग ही मवेशियों का ठिकाना बन गए हैं। जिला मुख्यालय बलौदा बाजार के जिला न्यायालय से लेकर अंबेडकर चौक तक लगभग दो किमी के मुख्य मार्ग में इन दिनों आधा दर्जन स्थानों पर मवेशी ही बैठे रहते हैं। कार्यालयीन समय यानि सुबह 11 बजे से 12 बजे तक तथा संध्या 4 बजे से 5 बजे के साथ ही साथ नगर में नो एंट्री खुलने के समय रात्रि 10 बजे के बाद तो मुख्य मार्ग का बेहद बुरा हाल होता है। इकलौते मुख्य मार्ग पर मवेशियों के बैठे रहने से बीते कुछ दिनों से नगर की पूरी यातायात व्यवस्था चौपट हो गयी है। इकलौते मुख्य मार्ग से ही जिले के बड़े जिम्मेदार अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि भी गुजरते हैं तथा उन्हे भी सड़क पर बैठे मवेशियों की वजह से परेशान होना पड़ता है बावजूद आज तक समस्या का हल नहीं निकाला गया है। सड़क पर मवेशियों के बैठने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में भी वृद्धी हो रही है। शाम को स्ट्रीट लाईट बंद होने, बिजली गुल होने पर कई दो पहिया चालक, सायकल चालक मवेशियों से टकराकर चोटिल हो रहे हैं वहीं देर रात नो एंट्री खुलने के समय नगर के मुख्य मार्ग से तेज रफ्तार से गुजरने वाले हैवी वाहनों की चपेट में आने से भी मवेशियों के चोटिल होने की आशंका भी बढ़ गयी
॰ खेतों में चराई बंद हो गयी है – गौरतलब हो कि प्रतिवर्ष धान की बोनी प्रारंभ होते ही ग्रामीण तथा नगरीय ईलाके में धान के खेतों को चराई से बचाने के लिए बाकायदा मुनादी कराई जाती है जिसके बाद यदि दिन में किसी व्यक्ति का पालतू जानवर किसी दूसरे व्यक्ति के खेत में चराई करते पाया गया तो सौ रूपए तथा रात में चराई करते पाए जाने पर दो सौ रूपया का अर्थदण्ड लगाया जाता है। मुनादी के बाद पशुओं के सामने चारा का संकट होता है तथा पशुओं को घर पर ही बांध कर चारा दिया जाता है परंतु स्थान की कमी की वजह से पशुस्वामी द्वारा पशुओं को घर से बाहर कर दिया जाता है जिसके बाद पशु सड़कों पर बैठने को मजबूर होते हैं।
॰ नगर पालिका द्वारा 01 जुलाई से नगर में रोका छेका अभियान चलाया जाएगा। नगर के भैंसापसरा ईलाके में नवनिर्मित कांजी हाऊस बनकर तैयार है जहां मवेशियों के चारे-पानी तथा सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है साथ ही नगर के गौरव पथ के पास एक खाली स्थान पर भी घेराकर मवेशियों को रखने का इंतजाम किया गया है।
राजेश्वरी पटेल – मुख्य नगर पालिका अधिकारी, बलौदा बाजार