रायपुर 05 अप्रैल 2022 : वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा संचालित ‘‘हरियाली प्रसार’’ योजना के अंतर्गत तीन वर्षों वर्षा ऋतु 2019, 2020 तथा 2021 में 83 लाख 31 हजार पौधों का रोपण किया गया है। इससे 07 हजार 400 हेक्टेयर रकबा हरियाली से आच्छादित हुआ है। इसमें हितग्राहियों तथा कृषकों की ओर से पौधों की बढ़ती मांग को देखते हुए वृद्धि कर वर्ष 2022-23 में इस योजना के अंतर्गत वनेत्तर क्षेत्रों में कृषकों की भूमि पर रोपण के लिए बजट में 17 करोड़ 58 लाख रूपए की राशि का प्रावधान किया गया है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि ‘‘हरियाली प्रसार’’ योजना पर्यावरण सुधार सहित पड़त भूमि के विकास तथा लोगों की आय में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। हरियाली प्रसार योजना में कृषकों की स्वयं की भूमि पर कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने और हरियाली को बढ़ाए जाने के लिए विभाग द्वारा प्रति हितग्राही 50 से 5 हजार तक न केवल पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं, बल्कि उसके देखरेख के लिए अनुदान के रूप में आंशिक राशि भी उपलबध कराई जाती है। इससे कृषकों को लगभग 30 हजार रूपए प्रति एकड़ प्रति वर्ष का लाभ अर्जित हो सकेगा।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि हरियाली प्रसार योजना के अंतर्गत वर्ष 2021-22 में 30 लाख 95 हजार पौधों का रोपण किया गया है। इससे 13 हजार 651 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। इनमें वन वृत्त रायपुर अंतर्गत 1500 हितग्राहियों द्वारा 25 हजार 730 पौधों तथा कांकेर अंतर्गत 3 हजार 089 हितग्राहियों द्वारा 6 लाख 30 हजार पौधों का रोपण किया गया है। इसी तरह वन वृत्त सरगुजा अंतर्गत 419 हितग्राहियों द्वारा 99 हजार 250, जगदलपुर अंतर्गत 2 हजार 391 हितग्राहियों द्वारा 3 लाख 80 हजार, दुर्ग अंतर्गत 3 हजार 632 हितग्राहियों द्वारा 3 लाख 59 हजार पौधों तथा बिलासपुर अंतर्गत 2 हजार 620 हितग्राहियों द्वारा 16 लाख पौधों का रोपण किया गया है। इनका रोपण 2 हजार 800 हेक्टेयर रकबा में हुआ है।
हरियाली प्रसार योजना के तहत वर्ष 2019-20 में एक हजार 600 हेक्टेयर रकबा में 18 लाख 56 हजार तथा वर्ष 2020-21 में 3 हजार हेक्टेयर रकबा में 33 लाख 80 हजार पौधों का रोपण हुआ है। इनमें वर्ष 2019-20 में 10 हजार 497 तथा वर्ष 2020-21 में 20 हजार 16 हितग्राही लाभान्वित हुए हैं। योजना के अंतर्गत सागौन, बांस, खम्हार, आंवला, शीशम, चंदन, मीलिया डुबिया, क्लोनल नीलगिरी, टिशू कल्चर बांस, टिशू कल्चर सागौन, आम, कटहल, मुनगा, सीताफल एवं अन्य प्रजातियों के पौधों का रोपण शामिल हैं।