तंबाकू छोड़ने के इच्छुक व्यक्ति क्विट लाइन टोल फ्री नंबर 180011 2356 एवं 104 पर कर सकते हैं संपर्क
रायपुर। तंबाकू उत्पादों का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। धूम्रपान, गुटखा, तंबाकू के लगातार सेवन से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना रहता है। इसे देखते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तंबाकू मुक्त राज्य बनाने का निर्देश दिया है।
इसी क्रम में नशा मुक्त छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करते हुए तंबाकू नशामुक्त केन्द्र के जरिए धूम्रपान और तंबाकू युक्त पदार्थों के सेवन करने वाले लोगों की इस आदत को छोड़ने में मदद की जा रही है। अप्रैल 2022 से जून 2022 तक देखे तो तंबाकू नशामुक्ति केन्द्र में 11,000 से अधिक लोगों का पंजीयन हुआ है और काउंसिलिंग एवं चिकित्सकीय परामर्श से 434 लोगों ने तंबाकू और तंबाकू युक्त पदार्थों का सेवन करना छोड़ दिया है
हालांकि पंजीयन के मुकाबले नशापान छोड़ने वालों की संख्या काफी कम है, लेकिन विभाग की ओर से लगातार इस ओर प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 26 जिलों के जिला चिकित्सालयों एवं दंत चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर व चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में भारत सरकार के मानक दिशानिर्देशों के अनुरूप ‘तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र” खोला गया है।
जिसमें परामर्शदाता एवं चिकित्सकों द्वारा प्रतिमाह लगभग 5,000 लोगों को परामर्श सेवा एवं फॉमोकोथेरेपी प्रदान की जा रही है। तंबाकू की आदत को छोड़ने की दर 5 प्रतिशत से कम- राज्य नोडल अधिकारी तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम डॉ. कमलेश जैन ने बताया: “राज्य में तंबाकू सेवन की आदत छोड़ने की दर लगभग 5 प्रतिशत से भी कम है। साथ ही तम्बाकू उपयोग की व्यापकता हमारे राज्य में 39.1 प्रतिशत है जिसे देखते हुए राज्य में संचालित तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र की संख्या एवं मानव संसाधन की उपलब्धता एक चुनौती है।
इसके लिए स्वास्थ्य विभाग शासकीय एवं गैर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं दंत महाविद्यालय में तकनीकी सहायता प्रदान कर केन्द्र की स्थापना हेतु जोड़ा जा रहा है, ताकि अधिक से अधिक लोग तंबाकू की आदत को छोड़ें। इसी कडी में बिलासपुर दुर्ग रायपुर में प्राइवेट डेंटल कॉलेज में भी नशामुक्ति केन्द्र की स्थापना कर लोगों को तंबाकू सेवन की आदत छोड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। तंबाकू सेवन छोड़ने के कार्य में जनता की भागीदारी और काउंसलर की कड़ी मेहनत की आवश्यकता होगी। “
फालोअप करना बेहद जरूरी – दंत रोग विशेषज्ञ एवं राज्य प्रशिक्षक तंबाकू निषेध डॉ. शिल्पा जैन ने बताया: “तंबाकू में नशे की आदत डालने वाला निकोटीन होता है, जो क्षणिक समय के लिए तो बेहतर महसूस कराता है, लेकिन इसका लगातार उपयोग करने से कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। नशापान करने वाले मरीज को 100 प्रतिशत काउंसिलिंग यानि पूरे 1 घंटा काउंसिलिंग की जरूरत होती है।
क्योंकि मरीज नशा सेवन की आदत को छोड़ने के लिए तैयार नहीं होता है। ओपीडी में 150-200 मरीज आते हैं उनमें से 10 प्रतिशत नशापान या तंबाकू सेवन करने वाले होते हैं। काउंसिलिंग के दौरान कई ऐसे मरीज भी आते हैं जो तंबाकू सेवन छोड़ देने की गलत जानकारी देते हैं। या कुछ दिन छो़ड़ने के बाद पुनः इसका सेवन शुरू कर देते हैं। इसलिए ऐसे लोगों के लिए लगातार फॉलोअप और डेडीकेटेड सलाहकार जरूरी है।“
छोड़ा नशापान, अब दे रहे सीख- प्रदेशभर में तंबाकू मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में “तंबाकू नशा मुक्ति केन्द्रके माध्यम से लोगों को तंबाकू छोड़ने की अपील की जा रही है। जिसका नतीजा यह हुआ है कि चालू वित्तीय वर्ष में 434 लोगों ने तंबाकू सेवन छोड़ दिया है और अब वह लोगों को तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने की सीख दे रहे हैं। इनमें 60 वर्ष से अधिक और 14 वर्षीय बालक भी शामिल है
टोल फ्री नंबर से भी मदद – तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु ग्राम की मितानिन का विशेष सहयोग लिया जा रहा है। स्वयंसेवी संगठन जो तंबाकू नशा मुक्ति हेतु कार्य कर रहे हैं उनसे संपर्क स्थापित कर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। वहीं नशापान छोड़ने वालों की मदद के लिए केन्द्र स्तर पर क्विट लाइन टोल फ्री नंबर 180011 2356 एवं राज्य स्तर पर 104 नंबर जारी किया गया है।