मोदी सरकार के असहयोग के बावजूद छत्तीसगढ़ में रिकार्ड धान खरीदी
रायपुर/18 अक्टूबर 2022। इस वर्ष धान की खरीदी 1 नवंबर से 31 जनवरी तक किये जाने के निर्णय का स्वागत करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यह राज्य बनने के बाद पहली बार हो रहा है धान की खरीदी तीन माह तक किये जाने का कार्यक्रम घोषित किया गया है। इससे राज्य के धान उत्पादक किसान अपने ऊपज को सुविधाजनक तरीके से बेच पायेंगे। केंद्र सरकार की तमाम अड़ंगेबाजी के बावजूद कांग्रेस सरकार हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बनाती है। मोदी सरकार धान खरीदी बंद करने का तमाम षड़यंत्र रचती है। इसके बावजूद छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार धान खरीदी के नये कीर्तिमान गढ़ती है। इस वर्ष 110 लाख मीट्रिक टन रिकार्ड धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है। राज्य के किसानों को मिलने वाली किसान न्याय योजना से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार ने किसानों की समृद्धि के नए प्रतिमान स्थापित किए हैं। राजीव गांधी के सामने आई योजना के तहत दी जा रही इनपुट सब्सिडी को मिलाकर किसानों के धान का दाम विगत वर्ष 2540 और 2560 रुपए मिला जो वर्तमान खरीफ़ सीजन में बढ़कर 2640 और 2660 रुपए प्रति क्विंटल हो जाएगा। छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार देश की एकलौती सरकार है जो अपने किए गए वादे से अधिक और पूरे देश में सर्वाधिक धान की कीमत किसानों को दे रही है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश की पहली और इकलौती सरकार है जिन्होंने 2014 में किसानों को एमएसपी के अतिरिक्त दिए जाने वाले बोनस को प्रतिबंधित किया। 2014 से 2018 तक केंद्र और राज्य दोनों जगह भाजपा की सरकार रहे इस दौरान फसल बीमा के नाम पर किसानों को लूटा गया निजी कंपनियों से मिलीभगत करके अत्यधिक प्रीमियम का भुगतान किसानों से करवाया गया लेकिन मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया को जटिल बना कर किसानों से ठगी की गई। रमन राज में नकली बीज, नकली दवा, नकली खाद के कारोबारियों को सरंक्षण देकर छत्तीसगढ़ के किसानों का शोषण करते रहे। बोनस के नाम पर किसानों को ठगा गया। चुनावी साल को छोड़कर किसानों के बोनस भी डकार लिए। वर्तमान में सभी मानकों पर सरकार खरी उतरी है। अधिक किसान, अधिक धान और अधिक दाम पर धान खरीदी की जा रही है। 2017-18 में छत्तीसगढ़ में पंजीकृत किसानों की संख्या 12 लाख 6 हजार थी, जो वर्तमान में बढ़कर 26 लाख 21 हजार से अधिक हो चुकी। धान की खेती का रकबा भी लगभग 5 लाख हेक्टेयर बढ़ा है। रमन राज के 15 साल में एमएसपी पर औसत खरीदी 50 लाख मीट्रिक टन थी, इस वर्ष 1 करोड़ 10 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य है। केंद्र की किसान विरोधी मोदी सरकार के तमाम व्यवधान के बावजूद भूपेश बघेल सरकार अपने संसाधनों से छत्तीसगढ़ के किसानों को 9000 और 10000 प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी दे रही है और आगे भी देंगे, ये किसानों का अधिकार और उनकी समृद्धि का यह मूल आधार है।