रायपुर/09 मई 2021। कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता आर पी सिंह ने आज एक बयान जारी करते हुए यह जानना चाहा है कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी के नेता दिखावटी तौर पर कोरोना संक्रमण को लेकर परेशान होने का तमाशा करते हैं और मुख्यमंत्री जी से मिलकर इस विषय पर चर्चा भी करना चाहते हैं, लेकिन वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री जी की सहमति जताने और वर्चुअल बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करने के प्रस्ताव को ठुकरा देते हैं। काग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह ने जानना चाहा है कि ऐसी कौन सी गोपनीय बातें हैं जो भाजपा के चुनिंदा नेता जिसमें 15 वर्षों के मुख्यमंत्री रमन सिंह और दूसरे वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हैं मुख्यमंत्री से मिलकर अकेले में ही करना चाहते हैं। भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष धर्म लाल कौशिक को खुलकर यह बात सार्वजनिक करना चाहिए कि वह मुख्यमंत्री से मिलकर कौन सी गोपनीय बात करना चाहते हैं ? ताकि प्रदेश की जनता भी जान सके कि सच क्या है? भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में अगर कोरोनावायरस को लेकर थोड़ी भी चिंता होती तो वर्चुअल बैठक करने में क्या परेशानी थी? जब देश के प्रधानमंत्री सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक नहीं अनेकों बार वर्चुअल बैठक करते हों तो फिर राज्य के भाजपा नेताओं को इससे तकलीफ कैसी? कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा के अंदर खाने में उपजी गुटबाजी ही इस बैठक से पीछे हटने की मूल वजह रही हो? क्या यह सच नहीं है कि प्रतिनिधि मंडल में भाजपा के सबसे वरिष्ठ नेता और 15 वर्षों के मुख्यमंत्री रहे डॉ रमन सिंह का नाम ही शामिल नहीं है? यह भी तो हो सकता है की आज जब पूरी दुनिया और देश में कोरोना से निपटने की मोदी सरकार की असफलता की चर्चा जोरों पर है भाजपा का यह सोचा समझा राजनीतिक कदम मोदी सरकार की विफलता से ध्यान हटाने का कोई प्रयास रहा हो? खैर जो भी हो भाजपा नेताओं को सच खुल कर प्रदेश की जनता को बताना चाहिए। अगर रचनात्मक सुझाव है तो वर्चुअल बैठक में भी दिए जा सकते हैं एक्चुअल बैठक की ही ज़िद क्यों? क्या कहीं यह डर तो नहीं सता रहा है कि वर्चुअल बैठक रिकार्डेड तथ्य होती हैं जिससे भविष्य में कभी भी मुकरा या किनारा नहीं किया जा सकता? सच क्या है विष्णु देव साय, धरमलाल कौशिक, अजय चंद्राकर, बृजमोहन अग्रवाल और सुनील सोनी जी को राज्य की जनता को बताना चाहिए।