रायपुर, राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कामों से राज्य की जनता के जीवन स्तर में व्यापक परिवर्तन हुआ है। आम जनता के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक उन्नति हुई है। अपनी सरकार के कामों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में उत्साह का वातावरण है। कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं को लेकर जनता के बीच जाने का संकल्प बद्ध है। कार्यकर्ताओं की मजबूती और सरकार के पांच सालों में किये गये कामों के दम पर 75 से अधिक सीटों के साथ प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी। छत्तीसगढ़ में भाजपा मुद्दविहीन है। इसके विपरीत कांग्रेस के पास अपनी सरकार के पांच सालों के काम की लंबी फेहरिस्त है। कांग्रेस की भूपेश सरकार ने किसानों, महिलाओं, मजदूरों, युवाओ के खातें मे पौने दो लाख करोड़ रूपये सीधे डालने का काम किया है। जनता का कांग्रेस के प्रति भरोसा बढ़ा है इसी भरोसे के दम पर ‘‘अब की बार 75 पार’’ का लक्ष्य पूरा होगा। राज्य का हर नागरिक चाहता है भूपेश सरकार को फिर से बनाना। कांग्रेस की सरकार ने किसानों, युवाओं, मजदूरों महिलाओं, आदिवासियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये योजना बनाया और उसका प्रभावी क्रियान्वयन किया है, यही कारण है कि कांग्रेस सरकार छत्तीसगढ़ का किसान देश में अपनी फसल की सबसे ज्यादा कीमत पाता है तथा राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से 9 से 10 हजार रू. प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी किसानों को मिल रही है। देश में सबसे कम बेरोजगारी दर लगभग आधा प्रतिशत छत्तीसगढ़ की है। तथा युवाओं को 2500 रू प्रतिमाह भत्ता भी कांग्रेस की सरकार देती है। आम आदमी को राहत देने के लिये भूपेश सरकार ने बिजली बिल हाफ योजना लागू किया है जिसक फायदा 44 लाख नागरिकों को हुआ उनका 4000 करोड़ का बिजली बिल कांग्रेस सरकार ने माफ कर दिया। चुनाव में कांग्रेस सरकार के काम और जनकल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस सरकार का ब्रह्मास्त्र होगी। आने वाले चुनाव में कांग्रेस के पास बताने के लिये अपने सरकार के गौरवशाली जनहित के काम है। हमारी सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र के 95 प्रतिशत वायदों को पूरा किया है। स्वामी आत्मानंद स्कूल, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, दाई दीदी क्लिनिक, हाट बाजार क्लिनिक, मुख्यमंत्री शहरी स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सुविधा योजनाओं से प्रदेश के आम आदमी का भरोसा कांग्रेस के प्रति बढ़ा है। कांग्रेस को वोट मतलब छत्तीसगढ़ में आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक समृद्धि और सामाजिक न्याय का समर्थन।
कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने छत्तीसगढ़ में भाजपा को वोट देने का मतलब बटन कमल पर दबेगा वीवीपेट से अडानी निकलेगा। भाजपा को वोट देने का मतलब छत्तीसगढ़ की संपदा अडानी को सौपना। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के बाक्साइट, आयरनओर, कोयला, देवभोग का हीरा खदान, राज्य की सीमेंट कम्पनिया, पावर प्लांट सभी पर अडानी कब्जा करना चाहता है। अडानी राज्य की बिजली कम्पनी भी हथियाना चाहता है। भाजपा छत्तीसगढ़ चुनाव को लेकर इसीलिए व्याकुल है। प्रधानमंत्री चार सभा कर चुके, अमित शाह हर हफ्ते आ रहे, दो दर्जन केंद्रीय मंत्री, अनेको राज्यों के मुख्यमंत्री सभी छोटे से राज्य में लगातार डेरा डाले हुए है। क्योंकि बॉस के बॉस अडानी ने सबको टारगेट दिया है। भाजपा वोट देने का मतलब-नगरनार इस्पात संयंत्र अडानी को बेचने का रास्ता साफ करना। भाजपा को वोट देने का मतलब-छत्तीसगढ़ की कोयला खदानो को अडानी को सौपना। भाजपा वोट देने का मतलब-राज्य के सारे सिमेंट कम्पनियो पर अडानी का कब्जा। भाजपा को वोट देने का मतलब-राज्य की सरकारी बिजली कंपनी पर अडानी का कब्जा। भाजपा को वोट देने का मतलब-नंदराज पर्वत को भाजपा फिर से अडानी को सौपेगी ताकि वह आदिवासियों की आस्था के केंद्र नंदराज पर्वत को खोदाई कर आयरन ओर निकाल सके। भाजपा को वोट देने का मतलब-राज्य के सारे पावर प्लांटो, आयरनओर और कोयला की खदानो पर अडानी का एकाधिकार। भाजपा को वोट देने का मतलब-छत्तीसगढ़ के यात्री ट्रेन को बंद करना। छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली यात्री ट्रेनों को बंद कर सिर्फ कोयला ट्रेने चलाना चाहती है भाजपा केंद्र की सरकार अडानी को कोयला ढोने यात्री ट्रेनों को रद्द करवाती है। भाजपा को वोट देने का मतलब-धान खरीदी बंद करना- भाजपा समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के खिलाफ है वह नहीं चाहती किसानों को ज्यादा कीमत मिलें। भाजपा नहीं चाहती धान की कीमत 2500 मिले। मोदी सरकार समर्थन मूल्य में एक रू. भी ज्यादा धान की कीमत देने का विरोध करती है। भाजपा नहीं चाहती किसानों को धान की कीमत 2800-3600 रू. प्रति क्विंटल मिले। गुजरात, यूपी जैसे भाजपा शासित राज्यों में धान 1100 में बिकता है। राजीव गाँधी किसान न्याय योजना बंद करना- भाजपा किसानों को मिलने वाली प्रति एकड़ की 9000 रू. एवं 10000 रू. इनपुट सब्सिडी के खिलाफ है। बिजली बिल आधा बंद करना- भाजपा बिजली बिल आधा योजना का विरोध करती है। 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री फिर बंद करना – भाजपा ने भू-माफिया को फायदा पहुंचाने अपने सरकार के समय 5 डिसमिल से कम जमीनों की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगा दिया। राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना बंद करना- इस योजना में ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को 7000 रू. सालाना मिलता है यह प्रधानमंत्री सम्मान निधि से ज्यादा है इसलिये भाजपा इसको बंद करना चाहती है। आदिवासियों की जमीने फिर जबरिया छिनी जाएगी- भाजपा उद्योगपति फिर को फायदा पहुंचाने आदिवासियों की जमीनें जबरिया अधिग्रहित करने का समर्थन करती है, 15 साल भाजपा ने यही किया। 90 हजार एकड़ से अधिक जमीन छिनकर पूंजीपतियों को दिया गया। तेंदूपत्ता की क़ीमत फिर 2500 हो जायेगा-भाजपा तेंदूपत्ता की कीमत प्रति बोरा 2500 से बढ़ाकर 4000 करने का विरोध करती है। वह वनोपज की सही कीमत देने के बजाय फिर से चरणपादुका देना चाहती है ताकि कमीशनखोरी की जा सके। भाजपा को वोट देने का मतलब-फिर राज्य की बेरोजगारी दर 22 प्रतिशत हो जाएगी। भाजपा को वोट देने का मतलब- किसानो की जमीनो पर फिर किसी भाजपाई सत्ताधीश को कब्जा करने का मौका देना। सिंचाई के बांध और सड़क पर भाजपा नेताओं फिर से कब्जा। भाजपा को वोट देने का मतलब-चिटफंड कम्पनी बुलाकर प्रदेश के गरीब जनता को लूटने देना। भाजपा को वोट देने का मतलब- प्रदेश के 10 हजार से अधिक गोठानों को बंद करना, क्योंकि भाजपा गौशाला के नाम पर अनुदान खाना चाहती है। रमन राज में 1667 करोड़ का गौशाला अनुदान घोटाला हुआ था। भाजपा को वोट देने का मतलब- स्वामी आत्मानंद स्कूल बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब- 65 वनोपजों की खरीदी बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब- 13800 राजीव युवा मितान क्लबों को बंद करना। भाजपा को वोट देने का मतलब -छत्तीसगढ़ की संस्कृति, अस्मिता, तीज-त्योहारों एवं परंपराओं को फिर से पीछे धकेलना।
कांग्रेस मीडिया विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन खेड़ा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी भाजपा बंद करना चाहती है। प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता छत्तीसगढ़ में आकर लगातार झूठ बोल कर जाते है कि छत्तीसगढ़ धान खरीदी केंद्र सरकार करती है। छत्तीसगढ़ में धान कांग्रेस सरकार अपने खुद के दम पर खरीदती है, धान खरीदने में केन्द्र सरकार का एक पैसे का भी योगदान नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति केंद्र सरकार की दुर्भावना इतनी ज्यादा है कि केंद्र के पास राज्यों को देने चावल का स्टॉक नहीं है। कर्नाटक सरकार ने केंद्र से 35 लाख मीट्रिक टन चावल मांगा उसके लिये कर्नाटका सरकार भुगतान भी करती लेकिन केंद्र ने स्टॉक नहीं होने की बात कर कर्नाटका को चावल देने से मना कर दिया। वहीं केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ से इस वर्ष 86 लाख टन चावल लेने का एमओयू करती है लेकिन बाद में केंद्र इस एमओयू से चावल लेने की मात्रा घटाकर 61 लाख मीट्रिक टन कर देता है। यह छत्तीसगढ़ के साथ दुर्भावना नहीं है तो और क्या है? आपको विभिन्न योजनाओं में चावल देने के लिये चाहिये आपके पास स्टॉक भी नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में किसान भरपूर धान पैदा कर रहे यहां पर इस वर्ष कांग्रेस की सरकार ने 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है। छत्तीसगढ़ में चुनाव है। छत्तीसगढ़ सरकार को असहयोग करना है इसलिये वहां की सरकार से चावल नहीं लेना है यह केंद्र की दुर्भावना है।